“केंद्र सरकार जाति गणना कराएगी। यह फैसला बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जाति जनगणना, मूल जनगणना में ही शामिल होगी।
जनगणना इस साल सिंतबर से शुरू की जा सकती है। इसे पूरा होने में कम से 2 साल लगेंगे। ऐसे में अगर सितंबर में भी जनगणना की प्रक्रिया शुरू हुई तो अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में आएंगे।”
सरकार ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘1947 से जाति जनगणना नहीं की गई। मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना की बात कही थी। कांग्रेस ने जाति जनगणना की बात को केवल अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। जाति जनगणना केवल केंद्र का विषय है। कुछ राज्यों ने यह काम सुचारू रूप से किया है। हमारा सामाजिक ताना-बाना प्रभावित न हो, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं।
“2021 में जनगणना को कोविड-19 महामारी के कारण टाल दिया गया था। जनगणना आमतौर पर हर 10 साल में की जाती है, लेकिन इस बार थोड़ी देरी हुई है। इसके साथ ही जनगणना का चक्र भी बदल गया है यानी अगली जनगणना 2035 में होगी।
कैबिनेट के अन्य 2 बड़े फैसले
“शिलॉन्ग से सिलचर (मेघालय-असम) हाईस्पीड कॉरिडोर बनेगा। ये 166 किमी का और 6 लेन का रहेगा। नॉर्थईस्ट के लिए अहम रहेगा। इसमें 22 हजार 864 करोड़ लागत आएगी।”
सरकार ने 2025-26 के लिए गन्ने की फेयर और रिम्युनरेटिव (सही और पारिश्रमिक संबंधी) कीमतें तय की हैं। इसमें गन्ने का मूल्य 355 रुपए क्विंटल तय किया गया है। ये मानक कीमत है, इससे नीचे के दाम पर गन्ना नहीं खरीदा जा सकेगा।”