Acn18.com/तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केंद्र सरकार के बीच नई शिक्षा नीति और ट्रायलैंग्वेज को लेकर विवाद चल रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी रविवार को रामेश्वरम पहुंचे। इस दौरान CM स्टालिन उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचे।
PM मोदी ने रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज और और अन्य योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया। जनसभा के दौरान उन्होंने भाषा विवाद का जिक्र किए बिना DMK नेताओं और CM एमके स्टालिन को नसीहत दे दी। PM ने कहा- मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि वे डॉक्टरी की पढ़ाई तमिल भाषा में कराएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के कई नेताओं की चिटि्ठयां मेरे पास आती हैं। आश्चर्य की बात है कि कोई नेता तमिल में सिग्नेचर नहीं करता। तमिल का गौरव बने, इसलिए इन लोगों को स्थानीय भाषा में सिग्नेचर करना चाहिए।
DMK सरकार हिंदी को लागू नहीं करना चाहती
तमिलनाडु सरकार पिछले दो महीने से नई शिक्षा नीति के तहत राज्य में ट्राय लैंग्वेज पॉलिसी लागू करने का विरोध कर रही है। पॉलिसी के तहत तमिल, अंग्रेजी के अलावा हिंदी को भी शिक्षा के माध्यम में शामिल करने का प्रस्ताव है। DMK चीफ और CM स्टालिन इसका विरोध कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम मंदिर में दर्शन किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामनवमी पर तमिलनाडु के रामेश्वरम स्थित रामनाथ स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री 3 दिन के श्रीलंका दौरे से सीधे रामेश्वरम पहुंचे। श्रीलंका से लौटते हुए मोदी ने विमान से रामसेतु देखा। उन्होंने इसका वीडियो भी पोस्ट किया है। मोदी ने लिखा-

श्रीलंका से लौटते हुए विमान से रामसेतु के दर्शन किए। यह तभी हुआ, जब अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक हो रहा था। यह दिव्य अनुभव था। प्रभु श्रीराम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं। उनकी कृपा सदैव हम पर बनी रहे।
मोदी पिछले साल भी रामेश्वरम आए थे। यहां अग्नि तीर्थम पर डुबकी लगाने के बाद रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की थी। इस दौरान उन्होंने रामायण पाठ और भजन संध्या में भी हिस्सा लिया था।
मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम से जुड़े उन सभी मंदिरों में दर्शन किया था, जिनका रामायण में जिक्र है। इसी कारण से वे रामनाथस्वामी मंदिर आए थे।