होलिका दहन आज, भद्रा समाप्ति के बाद इस मुहूर्त में लगेगी होलिका में आग; जरूर करें यह उपाय

Acn18.com.रंगपर्व होली के एक दिन पहले होलिका दहन गुरुवार की रात को होगा। भद्रा समाप्ति पर रात 10:37 बजे के बाद होलिका दहन किया जाएगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय के अनुसार इस बार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10:02 बजे से आरंभ हो जाएगी जो अगले दिन 14 मार्च को सुबह 11:11 बजे तक रहेगी। 

ऐसे में रात्रि व्यापिनी पूर्णिमा में ही होलिका दहन का विधान होने के चलते होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार की रात में ही होगा।

भारत में चंद्रग्रहण दिखेगा न होगा सूतक प्रभाव

फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा की रात होलिका दहन किया जाएगा तो तिथि विशेष पर चंद्रग्रहण भी लग रहा है, लेकिन यह भारत में दृश्य नहीं होगा। इससे सूतक आदि का प्रभाव भी नहीं रहेगा। इससे होलिका दहन में भी कोई बाधा नहीं होगी।

ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 14 मार्च को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत के किसी भी क्षेत्र में दृश्य न होने से सूतक और न ही कोई इसका शुभ-अशुभ प्रभाव होगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण पश्चिमी यूरोप, अमेरिका, अटलांटिक महासागर के देश, नाइजीरिया, इटली, फ्रांस, पोलैंड, नार्वे, स्वीडन, न्यूजीलैंड आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा। इसका प्रभाव भी उन्हीं क्षेत्रों में होगा। 

यह करें उपाय

  • होली पर शुभता प्राप्त करने के लिए होलिका दहन की शाम हनुमान जी के समक्ष तेल का दीपक जलाएं। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी लाभ देने वाला है।
  • जिस स्थान पर होलिका दहन हो, वहां पर सुंदर रंगोली बनाएं और उसमें लाल, पीला, हरा व नीला रंग जरूर शामिल करें।

संभलकर! कहीं फीकी न हो जाए होली

होली का मजा रंगों और गुलाल के बिना फीका है, लेकिन केमिकल वाले रंग आंखों, त्वचा और बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बाजारों में पर्व को लेकर रंगों की भरमार है, लेकिन इसके साथ ही मिलावटी रंगों की भी खूब बिक्री होती है। 

यदि आप चाहते हैं कि होली में किसी भी तरह का खलल न पड़े और रंगों में रंगकर भी अपनी कुदरती रंगत को बरकरार रख सकें तो कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं… जैसे कि आंखों में प्रोटेक्टिव ग्लास लगाएं। यह आंख के अंदर रंग जाने से रोकते हैं। बाजार में सस्ते दामों में उपलब्ध हैं। त्वचा और बालों की सुरक्षा के लिए रंग खेलने से पहले नारियल या सरसों का तेल लगा लें। चिकित्सीय सलाह तो यही है कि केमिकल रंग या गुलाल की जगह फूलों की होली खेलें या फिर प्राकृतिक रंगों को अपनाएं।