Acn18.com/कोरबा। 60 साल पहले गजानन माधव मुक्तिबोध हिंदी के एक एक कालजई कवि का निधन हुआ और 2024 में उनकी जीवनी में एक अधूरी दीर्घ कविता के रचयिता प्रोफेसर जयप्रकाश का सम्मान समारोह विगत दिवस प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में तिलक भवन, प्रेस क्लब में संपन्न हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर जयप्रकाश ने अपने उद्बोधन में विस्तार से अपने द्वारा लिखी वृहद जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा मुक्तिबोध एक विलक्षण कवि थे, वह अपनी कविताएं बार-बार लिखा करते थे, बार-बार ड्राफ्ट तैयार किया करते थे। इस तरह उनकी हर कविता एक तरह से अधूरी कविता है …। मुझे 2016 में महान चित्रकार राजा हैदर फाउंडेशन द्वारा गजानन माधव मुक्तिबोध की जीवनी लिखने का अवसर फैलो के रूप में दिया था। प्रोफेसर जयप्रकाश ने अपने संबोधन में आगे बताया कि चित्रकार रजा हैदर की पेंटिंग्स विश्व में बेशकीमती रही है उनके निधन के बाद करोड़ों रुपए का जो ट्रस्ट बना उसके ट्रस्टी कवि अशोक वाजपेई ने देश के अनेक महत्वपूर्ण लेखकों की जीवनी लिखने के लिए फेलो राजा फाउंडेशन से जारी की मुझे यह सौभाग्य मिला कि मैं मुक्तिबोध की जीवनी को अंतत लिख सका। जिसे प्रतिष्ठित सेतु प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस अवसर पर संपादक लोक सदन एवं प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष सुरेश चंद्र रोहरा के नवीनतम उपन्यास एक लड़का एक लड़की का विमोचन संपन्न हुआ।इस अवसर पर प्रोफेसर जयप्रकाश के साथ वरिष्ठ पत्रकार किशोर शर्मा कमलेश यादव, कामेश्वर पांडे, श्याम बिहारी सिंह बनाफर मंच पर रहे।
प्रोफेसर जयप्रकाश के सम्मान समारोह और व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार किशोर शर्मा ने कहा – मुक्तिबोध हमारे छत्तीसगढ़ में अंतिम समय में रहे, उन्होंने राजनांदगांव में अनेक कविताएं लिखी यही अध्यापन का कार्य आप करते रहे। श्रीकांत वर्मा हरिशंकर परसाई और मुक्तिबोध हमारे छत्तीसगढ़ के ऐसे साहित्यकार रहे जिन्होंने साहित्य को एक दिशा प्रदान की है यह गर्व का विषय है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार कमलेश यादव ने अपने उद्बोधन में कहा यह सौभाग्य का विषय है कि इस प्रेस क्लब भवन में अभी तक सामाजिक राजनीतिक गोष्ठियां कॉन्फ्रेंस होती रही है मगर आज एक महत्वपूर्ण साहित्यिक आयोजन किया गया है, मुक्तिबोध की संदर्भ में प्रोफेसर जयप्रकाश में जो महत्वपूर्ण लेखन किया है उसके संदर्भ में आप को जानकारी देंगे जिससे बुद्धिजीवी वर्ग को नई दिशा और जानकारी मिलेगी ऐसी में आशा करता हूं।
इस अवसर पर कामेश्वर पांडेय ने बताया कि कवि मुक्तिबोध पर प्रोफेसर जयप्रकाश ने 1300 पृष्ठ से अधिक की वृहद काय जीवनी लिखने का महत्ती कार्य किया है जिसमें उन्होंने मुक्तिबोध के संपूर्ण जीवन को बड़ी बारीकी से रेखांकित किया है। उन्होंने बताया कि मुक्तिबोध का जीवन कितना संघर्ष पूर्ण था उनकी साहित्य साधना पर भी उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर कवि भास्कर चौधरी सूरज प्रकाश राठौड़, अरविंद पाण्डेय, दिलीप अग्रवाल अध्यक्ष साहित्य भवन सहित विशाल सक्सेना कमल सर विद्या रेनू जायसवाल ई जयंत, विनोद सिन्हा विपेंद्र कुमार साहू, जय , लक्ष्मी राठौर श्रीमती जय प्रकाश, श्रीमती शालिनी रोहरा आदि उपस्थित थे। उक्तशय की जानकारी एक विज्ञप्ति में अरविंद पांडे सचिव प्रगतिशील लेखक संघ ने दी।