Acn18.com.com.रामबरात की तैयारी में लीन है। रामबरात 26
नवंबर की सुबह नौ बजे कारसेवकपुरम से प्रस्थान करेगी।
रामबरात को लेकर रथ सजाने में कारसेवकपुरम में 10
कारीगर जुटे हुए हैं। श्रीसीताराम का विवाह संपन्न कराने के
लिए तिरुपति से 40 वैदिक ब्राह्मण भी आ रहे हैं। ये वैदिक
ब्राह्मण सीधे जनकपुर पहुंचेंगे और श्रीसीताराम का विवाह
संपन्न कराएंगे। अयोध्या से लेकर जनकपुर तक विवाह की
तैयारियां ऐसी हैं कि त्रेतायुग के रामबरात की स्मृति जीवंत
हो उठेगी।
रामचरित मानस के बालकांड में वर्णित चौपाई भी जीवंत हो रही है। रथ सारथिन्ह बिचित्र बनाए, ध्वज पताक मनि भूषन लाए, चवंर चारु किंकिनि धुनि करहीं। भानु जान सोभा अपहरहीं… सारथियों ने ध्वजा, पताका, मणि और आभूषणों को लगाकर रथों को बहुत विलक्षण बना दिया है। उनमें सुंदर चंवर लगे हैं और घंटियां सुंदर शब्द कर रही हैं। वे रथ इतने सुंदर हैं, मानो सूर्य के रथ की शोभा को छीने लेते हैं। कुछ इसी तरह से रामबरात लेकर जाने वाले रथ भी सज रहे हैं। कोई रथों के मंडप को आकार दे रहा है तो कोई मंडप पर कलश सजाने में जुटा है।