1. ‘आयुर्वेद विश्व परिषद’ का धनतेरस पर आयोजन, भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ संपन्न हुआ।
2. परिषद की स्थापना 1957 में प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेंद्र प्रसाद और स्वास्थ्य मंत्री के.एम. मुंशी की उपस्थिति में डॉ. प्रभाकर मिश्रा द्वारा की गई थी, जो बाद में जगतगुरु शंकराचार्य प्रभानंद सरस्वती के नाम से प्रसिद्ध हुए।
“3.कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों के साथ पं.उदय मिश्र की प्रेरणा व डॉ राजाराम त्रिपाठी की अध्यक्षता में संस्था की परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।
धनतेरस पर “भगवान धन्वंतरि के अवतरण-दिवस” : का आयोजन 29 अक्टूबर को मां दंतेश्वरी हर्बल परिसर के ‘ बईठका ‘ सभागार में ‘आयुर्वेद विश्व परिषद’, ‘ संपदा ‘ समाज सेवी संस्थान तथा ‘ मां दंतेश्वरी हर्बल समूह ‘ के तत्वावधान में संपन्न हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ आयुर्वेद विश्व परिषद के राष्ट्रीय-अध्यक्ष डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने भगवान धन्वंतरि की छायाचित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से किया। इसके बाद भगवान धन्वंतरि की सामूहिक पूजा अर्चना की गई।
धनतेरस और भगवान धन्वंतरि के महत्व पर बोलते हुए, डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। उन्होंने कहा कि ‘ आयुर्वेद विश्व परिषद ‘ की स्थापना 12 जनवरी 1957 को देश के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेंद्र प्रसाद और स्वास्थ्य मंत्री के.एम. मुंशी की उपस्थिति में गोलोकवासी डॉ. प्रभाकर मिश्रा द्वारा की गई थी, जो कालांतर में युगाचार्य जगतगुरु शंकराचार्य प्रभानंद सरस्वती के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनके मार्गदर्शन में कई यशस्वी सामाजिक संस्थाओं के साथ ही धनवंतरी-अखाड़ा का गठन भी किया गया था। वर्तमान में उनके सुयोग्य पुत्र पीठाधीश्वर पंडित उदय मिश्र इन संस्थाओं के परमाध्यक्ष हैं और उनकी प्रेरणा से यह परंपरा निरंतर आगे बढ़ रही है।
भगवान धन्वंतरि को श्रद्धां सुमन अर्पित करते हुए, इस अवसर पर संस्कृत का एक प्रसिद्ध श्लोक भी उद्धृत किया गया:
“ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सुखं दाता सर्वाभीष्टं धन्वंतरिं नमामि॥”
समारोह में मुख्य अतिथियों में शिप्रा त्रिपाठी (परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग), जसमती नेताम (अध्यक्ष, संपदा समाज सेवा संस्थान), अनुराग कुमार, रमेश पांडा, बलाई चक्रवर्ती, कृष्णा नेताम, दिनेश जैन, शंकर नाग, एमडी-बोटैनिकल्स की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपूर्वा त्रिपाठी, एक्सिस बैंक के अधिकारी गण तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामय उपस्थित रही ।
भगवान धन्वंतरि को समर्पित यह विशेष आयोजन न केवल आयुर्वेद की महत्ता को रेखांकित करता है, बल्कि इसे आधुनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का संदेश भी देता है। अंत में, डॉ. त्रिपाठी ने सभी को धन्यवाद दिया और ‘निरोगी परिवार सबल राष्ट्र’ के लक्ष्य प्राप्ति हेतु आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार हेतु सतत तत्पर रहने का आह्वान किया।