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परखण्डा की घटना प्रशासनिक संवेदनहीनता का परिचायक – रमेश यदु। घटना की निष्पक्ष जांच के साथ पीड़ित परिवार को 50 लाख सहयोग की मांग

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रायपुर सर्व यादव समाज के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु ने कहा है कि धमतरी,कुरूद के पास के गांव में एक बच्ची के साथ हुई घटना में प्रशासनिक असंवेदन शीलता दिखती है ,उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि शासन प्रशासन कितना निकम्मा हो गया है ।इस घटना से पता चलता है । जिसमे एक पीड़ित परिवार को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि विशेष कर प्रदेश में जब पूरा प्रदेश नारी शक्ति की आराधना में डूबा हुआ है उस समय इस प्रकार की घटना होना सभी के लिए दुर्भाग्य जनक है, प्रशासन ने इस घटना में संवेदनहीनता का परिचय दिया है जिसके कारण पीड़ित परिवार को भटकना पड़ा है।उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित थाने के ,अस्पताल के सभी लोगों के ऊपर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए सहयोग राशि प्रदान किया जाना चाहिए ।उन्होंने कहा कि जल्द ही समाज का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगा साथ-साथ घटना में हुई लापरवाही एवं जिम्मेदार लोगों की शिकायत प्रशासन से भी की जाएगी।अस्पताल की असंवेदनशीलता का एक और उदाहरण सामने आया है। यहां दुष्कर्म से पीड़ित साढ़े चार वर्ष की एक बालिका के उपचार में अस्पताल में घोर लापरवाही दिखाई गई। बालिका 23 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रही, लेकिन न तो उसका एक्स-रे किया गया न ही सोनोग्राफी। यह छोटी सी बालिका पीड़ा से छटपटाती रही, लेकिन अस्पताल प्रशासन अपनी ही चाल में लगा रहा। बालिंका की पीड़ा से व्यथित होकर जब स्वजन भड़ककर हंगामा करने लगे तब जाकर अस्पताल प्रशासन जागा। 24वें दिन बालिका के उपचार की व्यवस्था की गई है।

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17 वर्षीय किशोर ने इस बालिका के साथ घिनौने कृत्य किया है। बालिका उसके बाद से ही अस्पताल में भर्ती है। पीड़िता के स्वजन ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब नौ अक्टूबर को जिला अस्पताल में उपचार कराने लाए तो यहां उपचार से ही मना कर दिया गया था। पुलिस प्रशासन के आने के बाद ही उपचार करने की बात सुनी गई। पीड़ित के स्वजन ने पुलिस कर्मचारियों से बात कराई, लेकिन उनकी भी नहीं सुने। अंत में पुलिस अधिकारी आए, तब जाकर उपचार शुरू हुआ। बालिका के सोनोग्राफी कराने के लिए कहने पर मशीन खराब होने व डाक्टर को बाहर जाने की बात बोली जा रहीआक्रोशित स्वजन की बात जब मीडिया तक पहुंची, तब जाकर सोनोग्राफी हुई और एक्स-रे भी किया गया। 11 अक्टूबर को स्वजन ने बताया कि अस्पताल के भर्ती कक्ष में दो नर्स की ड्यूटी है। उपचार करने डाक्टर भी पहुंचे थे, अब जाकर पीड़िता को राहत मिली है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि उनकी बेटी के उपचार में अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही दिखाई है।

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