मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को बाढ़ पीड़ितों और पुलिस के बीच लाठी-डंडे चले हैं। बताया जा रहा है कि यहां बाढ़ की वजह से लोगों के घर डूब गए हैं। ये लोग सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर NH-77 पर राहत सामाग्री और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। लोगों ने नेशनल हाई-वे को जाम कर दिया था। पुलिस इन्हें समझाने पहुंची तो लोग हटने को तैयार नहीं हुए। बताया जा रहा है कि भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भी हल्का बल प्रयोग किया। घटना औराई प्रखंड के गोपालपुर के पास है।
मुजफ्फरपुर में बाढ़ की वजह से कई लोगों के घर का पूरा सामान बह गया है। लोग मजबूर होकर ऊंचे स्थान और छत पर शरण लेने को मजबूर हैं। फूस के बने घर बह गए और पक्के मकान भी गिरने की कगार पर हैं। इधर, फूड पैकेजिंग भी पीड़ितों को नहीं मिल रही है। इसके कारण अब पीड़ित उग्र हो गए हैं।
प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिलने की वजह से गुस्साए लोगों ने बांस बल्ली लगाकर बीच सड़क पर टायर जलाया। लोगों ने मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रोड को जाम कर दिया। नाराज बाढ़ पीड़ितों ने इस दौरान पुलिस को खदेड़ा और पथराव किया। इसके साथ ही लाठी-डंडे से पुलिस पर हमला भी किया। इस घटना के बाद पुलिस कर्मी वहां से जान बचाकर भागे। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को भेजा जा रहा है।
मुजफ्फरपुर में 25 से ज्यादा गांव डूबे, 3 लाख आबादी प्रभावित
नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हुई बारिश की वजह से मुजफ्फरपुर की नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया। गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा, जिससे औराई और कटरा प्रखंड के 25 से अधिक गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। 3 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं। लोग मजबूर होकर छतों पर शरण लिए हुए हैं।
बागमती, गंडक और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से औराई और कटरा प्रखंड के बकुची, मोहनापुर पतारी, हमदमा, गंगिया, माधोपुर, भवानीपुर, बासाघट्टा, बभमगमा समेत 25 से अधिक गांव में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
इन गांवों के घरों में 4 फीट पानी घुस गया है। इससे लोग अपने-अपने घर की छत पर रहने को मजबूर हैं। लोगों को कहीं घुटने तो कहीं कमर तक पानी से होकर आना-जाना पड़ रहा है। इसके साथ ही लोग मवेशियों के चारे की समस्या से भी जूझ रहे हैं।