रायपुर के कोटा स्थित सुयश हॉस्पिटल के डॉ मनोज लाहोटी, डॉ नितीन गोयल, डॉ गगन झंवर और डॉ मोहन अग्रवाल के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने इलाज में लापरवाही के एक परिवाद में उक्त अस्पताल और डॉक्टरों पर 1 लाख रूपए की मानसिक क्षति और 15 लाख रूपए अदा करने का फैसला जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष डाकेश्वर प्रसाद शर्मा, सुनाया है. इसके अलावा आयोग ने 10 हजार रुपए वादव्यय दिए जाने का भी आदेश दिया है. परिवादी की तरफ से अधिवक्त भूपेंद्र जैन ने ये पूरा केस लड़ा.
अधिवक्ता भूपेंद्र जैन ने बताया कि अरविंद भाई सोनी, श्रीमती हीना सोनी और मृदुल सोनी ने अपने परिवार के सदस्य क्रमश भाई, पत्नी और बेटे ने खोने के बाद ये याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मृतक हिमांशु सोनी की मौत सुयश अस्पताल में ऑपरेशन के बाद एक गलत इंजेक्शन लगाने से हुई थी. याचिका में पक्षकार ने ये दावा किया था पेशाब नली के एक लेजर ऑपरेशन के लिए उसे सुयश अस्पताल में भर्ती किया गया था. लेकिन ऑपरेशन के बाद दर्द से कराहते मरीज को डिस्चार्ज दे दिया गया.
अगले दिन पुनः उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आईसीयू में डॉक्टरों ने उसे कोई इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
इसके बाद पीएम रिपोर्ट और तमाम दस्तावेजों के आधार पर उपभोक्ता आयोग में याचिका दाखिल की. जिसके बाद आयोग ने उपरोक्त फैसला सुनाया है.