आज ‘मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर’ कोंडागांव पर एक बुजुर्ग किसान मदन सिंह जी अपने नाती के साथ आटो से पधारे। वे सहारनपुर के पास के गांव के 5 एकड़ के मझोले किसान हैं अच्छी खेती करते रहे हैं ,, उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से बढ़ती गर्मी के कारण और खेती की लागत बढ़ने के कारण खेती में घाटा लगातार हो रहा है। पर फिर भी वह खेती छोड़ने नहीं चाहते बल्कि वे तो चाहते हैं कि उनका नाती डॉ राजाराम त्रिपाठी के पदचिन्हों पर चलकर एक सफल किसान बने। उनके इसी नाती ही ने कहीं यूट्यूब पर समाचार में डॉ राजाराम त्रिपाठी को वीडियो में देखा था,, उसे अपने दादाजी को भी दिखाया। दादाजी ने कहा हम इसी आदमी को तो इतने सालों से ढूंढ रहे थे,, चलो इस व्यक्ति से मिलकर आते हैं। जैसा कि होता है यूट्यूब व समाचारों में फोन नंबर पता प्रायः नहीं दिया जाता पर यह दोनों बाबा और नाती बिना किसी फोन नंबर और बिना पूरा नाम पता जाने ही निकल पड़े डॉ राजाराम त्रिपाठी से मिलने। नाती ने कहा 1600 किलोमीटर बहुत दूर होता है तो पहले दिल्ली चलते हैं वहां से रायपुर तक हवाई जहाज से चलते हैं। दादा ने हिम्मत की और दोनों की हवाई जहाज की टिकट ली। हवाई जहाज से काउंटर पर ही दादा जी ने पूछा कि यह ‘कोंडा’ नामक गांव रायपुर के आगे कहां पाई जाती है। काउंटर पर बैठा युवक नेक दिल था उसने इंटरनेटपर ढूंढ कर इस बुजुर्ग किसान को बताया कि रायपुर से 225 किलोमीटर दूर यह जगह है पर इसका नाम ही शायद कोंडा गांव है,और वहां के लिए आपको आराम से बस मिल जाएगी। हवाई जहाज से रायपुर पहुंचे वहां से इन्होंने डॉ राजाराम त्रिपाठी का पता पूछना शुरू किया। इनको आश्चर्य हुआ कि लगभग हर उस व्यक्ति से जिससे इन्होंने डॉ त्रिपाठी के बारे में पूछा उसने उन्हें डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी के बारे में और कोंडागांव के बारे में बता दिया।इस तरह बस से कोंडागांव पहुंच गए, बस स्टैंड पर ही ऑटो वालों से पूछा। ऑटो वालों से डॉ राजाराम त्रिपाठी और उनके मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर के बारे में न केवल बताया बल्कि सीधा पहुंचा दिया। अब आगे राजाराम त्रिपाठी से मिलकर तथा उनके फार्म देखकर उन्हें कैसा लगा यह अगर जानना है तो यह वीडियो देख लीजिए।
‘कोंडा’ ढूंढते ढूंढते कोंडागांव पहुंचा 16-सौ किलोमीटर दूर सहारनपुर का किसान डॉराजाराम त्रिपाठी से मिलने,और फिर आगे क्या हुआ…
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