खनिजों पर टैक्स वसूलने के मामले पर गुरुवार (25 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया है। CJI ने कहा है कि बेंच ने 8:1 के बहुमत से फैसला किया है कि खनिजों पर लगने वाली रॉयल्टी को टैक्स नहीं माना जाएगा।
CJI ने कहा है कि माइंस और मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट (MMDR) राज्यों की टैक्स वसूलने की शक्तियों को सीमित नहीं करता है। राज्यों को खनिजों और खदानों की जमीन पर टैक्स वसूलने का पूरा अधिकार है। खदानों और खनिजों पर केंद्र की ओर से अब तक टैक्स वसूली के मुद्दे पर 31 जुलाई को सुनवाई होगी।
दरअसल, अलग-अलग राज्य सरकारों और खनन कंपनियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में 86 याचिकाएं पहुंची थीं। कोर्ट को को तय करना था कि मिनरल्स पर रॉयल्टी और खदानों पर टैक्स लगाने के अधिकार राज्य सरकार को होने चाहिए या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में 8 दिन तक चली सुनवाई में केंद्र ने कहा था कि राज्यों को यह अधिकार नहीं होना चाहिए। अदालत ने 14 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।