रायपुर पुलिस ने दंगाइयों से निपटने के लिए बलवा मॉकड्रिल का प्रैक्टिस किया। प्रैक्टिस के दौरान पुलिस के जवान दंगाइयों के रूप में पहुंची महिला पुलिस के सामने हंसते-हंसते जमीन पर गिरते नजर आए। दंगाई पुलिस के हाथों से डंडे भी खींचते नजर आए। वहीं इस दौरान जवानों ने बेकाबू दंगाइयों से निपटने आंसू गैस, लाठीचार्ज और फिर गोलियां चलाई।
दरअसल, रायपुर SSP के निर्देश के बाद शहर की विपरीत परिस्थितियों निपटने के लिए पुलिस के जवानों ने मॉकड्रिल की प्रैक्टिस की। शुक्रवार को पुलिस परेड ग्राउंड में एक ओर रायपुर पुलिस के अफसरों के साथ वर्दी और डंडे में दर्जनों जवान नजर आए।
वहीं दूसरी ओर दंगाई और प्रदर्शनकारी के रूप में महिला पुलिस की टीम दिखी। मॉकड्रिल में पुलिस अफसर लगातार इन प्रदर्शनकारियों को शांत करा रहे थे, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े हुए थे, तभी प्रदर्शनकारी अचानक उग्र हो गए। मौके में दंगा चालू हो गया।
दंगा चालू होते ही जवानों ने संभाला मोर्चा
दंगाइयों ने पुलिस पर पथराव चालू कर दिया। फौरन पुलिस की फ्रंट एक्शन टीम ने मोर्चा संभाला। पत्थरों से बचते हुए वे दंगाइयों की तरफ बढ़े। इस दौरान अधिकारी लगातार अनाउंसमेंट करते हुए दंगाइयों को शांत रहने और हिंसा न करने की चेतावनी देते रहे। बावजूद भीड़ बेकाबू हो गई।
आंसू गैस-लाठीचार्ज और फिर गोलियां चली
इस दौरान मौके पर मौजूद अफसरों के निर्देश मिलते ही टीयर गैस पार्टी ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। फिर लाठी चार्ज का आदेश हुआ। जिसमें जवान दंगाइयों पर लाठी बरसाते दिखे।
मॉकड्रिल में जब भीड़ हिंसक को गई तो मजिस्ट्रेट ने पुलिसकर्मियों को गोली चलाने का आदेश दे दिया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद घायल जवानों और दंगाइयों को मेडिकल सहायता के लिए डॉक्टरों की टीम पहुंची, जिसके बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
खुद को सुरक्षित रखने के तरीका जाना
मॉकड्रिल के दौरान पुलिसकर्मियों ने दंगा से निपटने के एक्सपर्ट अफसरों से धरना प्रदर्शन, दंगा और बलवा जैसी परिस्थितियों में खुद की जान की सुरक्षा की तकनीक समझी, जिससे ऐसे वास्तविक परिस्थितियों में पुलिस जवानों की कम से कम कैजुअल्टी आए। इस अभ्यास के दौरान SDM, तहसीलदार, लाइन टीआई के अलावा कहीं थाना प्रभारी भी मौजूद रहे।