मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कैबिनेट में बदलाव हुआ है। मंत्री केदार कश्यप को अब नई जिम्मेदारी दी गई है, इसे लेकर आधी रात एक आदेश भी जारी हुआ। केदार कश्यप को संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार भी दिया दिया गया है। केदार के पास वन-जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास-सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी पहले से है।
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना आदेश में मंत्री केदार कश्यप को संसदीय कार्य विभाग दिए जाने की बात लिखी है। देर रात मंत्री केदार कश्यप को मुख्यमंत्री समय तमाम मंत्रियों ने इसके लिए बधाई दी।
इस वजह से दी गई जिम्मेदारी
मानसून सत्र को ध्यान में रखते हुए मंत्री केदार कश्यप को ये अहम जिम्मेदारी दी गई है। छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा। 26 जुलाई तक सदन की कार्रवाई चलेगी। इस बीच 5 बैठकें हाेंगी। विधानसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना भी जारी जा चुकी है।
भाजपा युवा मोर्चा से शुरू की राजनीति
केदार कश्यप फरसागुड़ा, भानपुरी, जिला बस्तर के रहने वाले हैं। उन्होंने सन 2000 से भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ जुड़कर राजनीति शुरू की। वे BJYM के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। बस्तर ब्लॉक में जनपद सदस्य भी रहे। 2003 में केदार कश्यप पहली बार विधायक बने। 2008 में दूसरी और 2013 में तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए।
पहली बार विधायक बनने के साथ ही वे राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी स्वतंत्र प्रभार में रहे। 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी चंदन कश्यप को केदार कश्यप ने नारायणपुर विधानसभा से हराया। केदार कश्यप को 54,874 वोट मिले थे। जबकि चंदन कश्यप को 42,074 वोट मिले।
चुनाव जीतने के बाद केदार आदिम जाति,अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग-अल्पसंख्यक विकास, स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री बने। 2018 के चुनाव में केदार कश्यप को हार का सामना करना पड़ा। 2023 के विधानसभा चुनाव में जीतकर एक बार फिर वे मंत्री बने।
केदार कश्यप के पिता स्व. बलीराम कश्यप बीजेपी के दिग्गज आदिवासी नेता और बस्तर के सांसद थे। केदार पोस्ट ग्रेजुएट हैं।