Acn18.com/राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। सभापति जगदीप धनखड़ ने हाथरस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। पूरे सदन ने मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। धनखड़ ने कहा- ऐसे आयोजनों के लिए नियमावली बननी चाहिए। सांसदों से उन्होंने अपनी राय देने के लिए कहा।
नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- कई बाबा जेल में है। ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे अंध श्रद्धा पर रोक लगे। जो असली लोग है, उन्हें आने दो। जो नकली लोग हैं, वे आश्रम बनाकर लोगों को लूट रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे। मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में 2 घंटे15 मिनट की स्पीच दी थी। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
पीएम मोदी 12 बजे राज्यसभा में बोलेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे राज्यसभा में बोलेंगे। वह राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण देंगे।
5 मिनट पहले
धनखड़ ने खड़गे से कहा- आपके घर आउंगा, खड़गे का जवाब- आप नए घर में बुलाइये
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा- हमारी-आपकी गलत-फहमी दूर करने आपके घर आउंगा, वहां बात करूंगा। इस पर खड़गे ने कहा- आपका नए घर में गृह प्रवेश हुआ है, वहां बुलाइये। वहां आएंगे।
धनखड़ ने कहा- मैं सदन को बताना चाहता हूं कि गृह प्रवेश के वक्त मैंने तीन लोगों को फोन किया था, उनमें एक खड़गे जी थे। आप चुनाव में व्यस्त थे। आपको याद होगा मैंने आपके बेटे और रिश्तेदार को चुनाव के लिए बधाई भी दी थी।
20 मिनट पहले
खड़गे बोले- ऐसे आयोजनों को व्यवस्थित करने के लिए कानून बनाएं
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हाथरस जैसा हादसा दुखद है। ऐसे आयोजनों को कराने के लिए कानून बनाना चाहिए। किस तरह से आयोजन हो, वहां क्या-क्या व्यवस्था हो, जिससे आयोजन हो सके। कई बाबा जेल में है। ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे अंध श्रद्धा पर रोक लगे। जो असली लोग है, उन्हें आने दो। जो नकली लोग हैं, वे आश्रम बनाकर लोगों को लूट रहे हैं।
23 मिनट पहले
धनखड़ बोले- हाथरस जैसे हादसे रोकने के लिए नियमावली बने, सांसद इस पर राय दें
सभापति जगदीप धनखड़ ने हाथरस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। पूरे सदन ने मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। धनखड़ ने कहा- ऐसे आयोजनों के लिए नियमावली बननी चाहिए। सांसदों से उन्होंने अपनी राय देने के लिए कहा।
25 मिनट पहले
लोकसभा के पहले सत्र में 7 बैठकें हुईं, लगभग 34 घंटे कार्यवाही चली
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून को शुरू हुआ था। यह 2 जुलाई को खत्म हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि पहले सत्र में 7 बैठकें हुईं और लगभग 34 घंटे तक सदन की कार्यवाही चली। लोकसभा ने सत्र के दौरान 103% कार्य उत्पादकता दर्ज की गई।
सरकार ने 20 जून को लोकसभा सत्र से पहले कटक से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया था। भर्तृहरि महताब ने 24 जून को सबसे पहले राष्ट्रपति भवन जाकर शपथ ली। इसके बाद उन्होंने 24 और 25 जून को 539 नए सांसदों को शपथ दिलाई।
26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ। 27 जून को सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी की नियुक्ति की घोषणा हुई। इसी दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 18 घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली। इसमें 68 सदस्यों ने भाग लिया। इसके अलावा 50 सदस्यों ने अपने भाषण दिए। 2 जुलाई को प्रधानमंत्री के जवाब के साथ धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा खत्म हुई।
41 मिनट पहले
लोकसभा में मोदी ने 3 किस्से सुनाए, कहा- एक बच्चा 99% मार्क्स लेकर घूम रहा
- पहला किस्सा: PM ने राहुल का नाम लिए बिना एक किस्सा सुनाया। कहा, ‘कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला। वह गिर गया, रोने लगा तो कोई बड़ा आकर कहता है कि देखो चींटी मर गई, चिड़िया मर गई। ऐसा कहकर बड़े बच्चे का मन बहला देते है। आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है।’
- दूसरा किस्सा: PM ने कहा- 1984 के चुनावों को याद कीजिए। तब से 10 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। तब से कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। इस बार 99 के चक्कर में फंस गए हैं। मुझे एक किस्सा याद आता है। एक बच्चा 99% मार्क्स लेकर घूम रहा था। लोगों की वाहवाही ले रहा था। टीचर ने कहा कि ये 100 में से 99 नंबर नहीं लाया, 543 में से लाया है।
- तीसरा किस्सा: मोदी ने कहा, ‘एक बच्चा स्कूल से आया और जोर-जोर से रोने लगा। मां भी डरी कि क्या हो गया। बच्चा बोला- मुझे स्कूल में उसने मारा, इसने मारा, वह जोर-जोर से रोने लगा। मां ने पूछा कि बेटा, बात क्या थी। बच्चा यही बोला कि मुझे मारा, मुझे मारा। बच्चे ने ये नहीं बताया कि उसने किसी को मां की गाली दी थी, किसी की किताब फाड़ दी थी, किसी का टिफिन चुराकर खा गया था। टीचर को चोर बोला था। सदन में कल हमने यही बचकानी हरकत देखी है। कल यहां कहा गया- मुझे इसने मारा, उसने मारा, यहां मारा, वहां मारा। सिम्पैथी हासिल करने के लिए नया ड्रामा खेला गया। जो सच्चाई जानते हैं कि वे हजारों करोड़ रुपए की हेराफेरी में जमानत पर बाहर हैं। ये OBC लोगों को चोर बताने के मामले में सजा काट चुके हैं। इन्हें देश की सर्वोच्च अदालत से गैर-जिम्मेदाराना बयान देने पर माफी मांगनी पड़ी है।’