रायपुर : छत्तीसगढ़ अपनी लोक कला संस्कृति के अलावा ऐतिहासिक धरोहरों के नाम से भी जानी जाती है. यहां कई ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं. आज हम आपको छत्तीसगढ़ की धर्म नगरी यानी राजिम के बारे में बताने वाले हैं. वैसे तो राजिम में कई प्रमुख मंदिर और आकर्षण के केंद्र हैं लेकिन आज हम बात करेंगे यहां के प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर के बारे में. राजीवलोचन का मंदिर चतुर्थाकार में बनाया गया है. यह भगवान काले पत्थर की बनी विष्णु की चतुर्भुजी मूर्ति है जिसके हाथों में शंक, चक्र, गदा और पदम है. ऐसी मान्यता है कि गज और ग्राह की लड़ाई के बाद भगवान ने यहां के राजा रत्नाकर को दर्शन दिए थे.
इसके बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया. इसलिए इस क्षेत्र को हरिहर क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है. महंत डॉ. सुंदरदास वैष्णव ने बताया कि भगवान राजीव लोचन मंदिर प्रांगण काफी बड़ा है. जहां हजारों भक्त श्री हरि विष्णु के दर्शन करने आते हैं. मंदिर के उत्तर दिशा में स्थित द्वार से बाहर निकलने के बाद आप साक्षी गोपाल का दर्शन कर सकते हैं. साथ ही मंदिर के चारों ओर नृसिंह अवतार, बद्री अवतार, वामनावतार, वराह अवतार यानी चार अवतारों का दर्शन कर सकते हैं.
मंदिर में निर्मित और दीवारों पर उकेरी गई कलाकृतियां शानदार है. ये कलाकृतियां अत्यंत ही मनोरम और मनमोहक है. मंदिर देखने में सफेद दिखता है लेकिन वास्तव में यह सफेद नहीं है. मंदिर का अधिकांशतः हिस्सा पत्थर और ऊपर का हिस्सा ईट से बना है. चूने की पुताई की वजह से मंदिर सफेद दिखता है.