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बलौदाबाजार हिंसा…कलेक्टर-SP हटाए गए:साय सरकार बोली- ये कांग्रेस की साजिश, इसमें पूर्व मंत्री-विधायक शामिल; चैंबर ऑफ कॉमर्स का कल बंद

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acn18.com बलौदाबाजार / छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा के बाद राज्य सरकार ने जिले के कलेक्टर और SP को हटा दिया गया है। मंगलवार देर रात आदेश जारी किया गया। आईएएस अधिकारी दीपक सोनी को बलौदाबाजार जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है। विजय अग्रवाल नए एसपी होंगे। हटाए गए कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को रायपुर पुलिस मुख्यालय में भेज दिया गया है।

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सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई। हिंसा के पीछे सरकार ने कांग्रेस की राजनीतिक साजिश बताया है। आरोप लगाया है कि कांग्रेस के विधायकों, पूर्व मंत्रियों और नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया है। साथ ही हिंसा करने वालों से नुकसान की वसूली की बात कही है।

नए कलेक्टर दीपक सोनी और नए एसपी विजय अग्रवाल।

नए कलेक्टर दीपक सोनी और नए एसपी विजय अग्रवाल।

दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे राज्य सरकार का फेलियर बताते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। 14 जून को कांग्रेस नेता घटना स्थल पर जाएंगे। घटना के विरोध में चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 13 जून को बलौदाबाजार बंद बुलाया है।

इस मामले में 7 अलग-अलग FIR दर्ज की गई है। अब तक 73 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जबकि 200 हिरासत में हैं। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई है।

हिंसा के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने डिप्टी सीएम, मंत्रियों और विधायकों के साथ सतनामी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की।

हिंसा के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने डिप्टी सीएम, मंत्रियों और विधायकों के साथ सतनामी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की।

पहले जानिए क्यों भड़की हिंसा…

जानकारी के मुताबिक, 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे।

पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।

उपद्रवियों ने 2 दमकलों सहित 77 वाहन फूंके

उपद्रवियों ने 75 बाइक, 20 कार और 2 दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसके बाद कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में आगजनी की। इससे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित ध्वजारोहण के पोल पर सफेद रंग का ध्वज लगा दिया था।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग भी घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद डिप्टी CM विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल पहुंचकर मौके का जायजा लिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए।

अंग्रेजों के जमाने का 120 साल पुराना रिकार्ड खत्म

बलौदाबाजार कलेक्टोरेट में अंग्रेजों के जमाने का 100 से 120 साल पुराना राजस्व का रिकार्ड भी उपद्रव की आग में जलकर खाक हो गया। करीब सौ साल तक बलाैदाबाजार जिले के अंतर्गत आने वाले इलाकों का पूरा रिकार्ड और अन्य फाइलें रायपुर कलेक्टारेट में सुरक्षित थीं।

2011-12 में बलौदाबाजार को अलग जिले का दर्जा मिला। उसी के बाद 10 ट्रकों में यहां से पूरा रिकार्ड एक-एक कर बलौदाबाजार भेजा गया था। अब तक की जांच के अनुसार सोमवार को बलौदाबाजार कलेक्टोरेट में लगाई गई आग में एक भी रिकार्ड सुरक्षित नहीं बचा है।

पुराना रिकार्ड जल जाने से अब राजस्व संबंधित मामलों की जांच में दिक्कत आएंगी, क्योंकि अब रायपुर में भी उसका रिकार्ड नहीं है। बलौदाबाजार जिले के राजस्व का 1929 का बंदोबस्त मिशन (नक्शा), 1939-40 तक चकबंदी मिशन (नक्शा) की एक-एक फाइल यहां से भेज दी गयी है। इसके जल जाने से अब वहां जाति प्रमाण पत्र के प्रकरण उलझ जाएंगे।

इसी तरह रजिस्ट्री, राजस्व, फूड, आबकारी, खनिज से संबंधित सारे दस्तावेजों को भी वहीं भेज दिया गया था। इनकी दूसरी कॉपी नहीं है। ऐसे में राजस्व संबंधित प्रकरणों को निपटाने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा बी-1 में यदि जमीन के मालिक का नाम नहीं चढ़ा होने पर परेशानी होगी। बिना रिकार्ड नाम चढ़ाना संभव ही नहीं है। ऐसे में जमीन के मालिक होने के बाद भी नाम चढ़ाने के लिए भटकना पड़ेगा।

जानिए अब तक क्या हुआ…

  • 15 मई : सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
  • 16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
  • 17 मई : पुलिस में मामला दर्ज कर किया।
  • 19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का-जाम किया था। इस दौरान समाज के गुरु और पूर्व मंत्री रुद्रकुमार ने कार्रवाई की मांग की, वहीं गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस सरकार में हुए प्रदर्शन की याद दिलाई।
  • 19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी।
  • 20 मई : समाज के लोगों की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि गलत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जो दोषी हैं, उन्हें पकड़ा जाए। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार हुई।
  • 21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।
  • 08 जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही जांच में तेजी लाने की बात कही गई।
  • 09 जून: डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए।
  • 09 जून : इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।
  • 10 जून : इसी प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई।
  • 10 जून : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए। मौके पर IG और कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है।
  • 11 जून : पुलिस ने शाम तक 200 आरोपियों को गिरफ्तार किया। उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 12 टीमें बनाई गईं। कई जगह छापामार कार्रवाई।
  • 11 जून : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीटिंग में अधिकारियों की बैठक लेकर नाराजगी जताई। कहा कि, इतनी बड़ी घटना हो गई आप लोगों तक जानकारी कैसे नहीं पहुंची? क्यों बैकअप नहीं रखा गया?

अब देखिए उपद्रव से जुड़ी तस्वीरें…

कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर में आगजनी के कारण सारा सामान जलकर खाक हो गया।

कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर में आगजनी के कारण सारा सामान जलकर खाक हो गया।

फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। घटना स्थल से विशेषज्ञों की टीम सबूत जुटा रही है।

फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। घटना स्थल से विशेषज्ञों की टीम सबूत जुटा रही है।

पुलिस ने हिंसा मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं 200 आरोपी हिरासत में हैं।

पुलिस ने हिंसा मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं 200 आरोपी हिरासत में हैं।

उपद्रवियों ने बलौदाबाजार में कलेक्टर कार्यालय के सामने ध्वजारोहण पोल पर सफेद ध्वज लगा दिया।

उपद्रवियों ने बलौदाबाजार में कलेक्टर कार्यालय के सामने ध्वजारोहण पोल पर सफेद ध्वज लगा दिया।

कलेक्टर परिसर में आग लगाने से कई विभागों में रखे दस्तावेज जल गए। वहीं कई वाहनों को भी फूंक दिया गया है।

कलेक्टर परिसर में आग लगाने से कई विभागों में रखे दस्तावेज जल गए। वहीं कई वाहनों को भी फूंक दिया गया है।

पथराव के चलते कलेक्टर परिसर में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कई वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने पलट दिया।

पथराव के चलते कलेक्टर परिसर में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कई वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने पलट दिया।

फायर ब्रिगेड की ही गाड़ी को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया

फायर ब्रिगेड की ही गाड़ी को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया

कलेक्टर और SP ऑफिस का हाल, बवाल और आगजनी के बाद की तस्वीर

कलेक्टर और SP ऑफिस का हाल, बवाल और आगजनी के बाद की तस्वीर

अब जानिए हिंसा को लेकर सरकार की ओर से क्या कहा गया…

बलौदाबाजार हिंसा को रायपुर में मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्यामबिहारी जायसवाल ने देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने आरोप लगाया कि, सतनामी समाज के कार्यक्रम में कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे और पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार थे।

इनके अलावा पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया, राज्यसभा की पूर्व सासंद छाया वर्मा, विधायक संदीप साहू, भोजराम अजगले, विधायक इंद्रा साव, पूर्व विधायक भुवनेश्वर बघेल, शिक्षक मोहन बंजारे जैसे नेताओं ने ही लोगों को भड़काने का काम किया, जिसकी वजह से ये हालात बने।

राज्य सरकार के मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बलौदाबाजार हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया है।

राज्य सरकार के मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बलौदाबाजार हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ होने का आरोप लगाया है।

  • बाबा गुरु घासीदास के अनुयायी शान्ति और सौहार्द को मानने वाले होते है। कभी हिंसा के मार्ग पर नहीं जा सकते।
  • मुख्यमंत्री पहले ही 15-16 मई की दरमियानी रात पवित्र अमर गुफा में जैतखाम को क्षति पहुंचाने वाली घटना की न्यायिक जांच के निर्देश दे चुके थे।
  • समाज जांच की मांग पूर्ण होने पर संतुष्ट था और मुख्यमंत्री जी का आभार ज्ञापित करने के लिए एकत्रित हुआ था।
  • कार्यक्रम में कुछ लोगों ने सतनामी समाज को बदनाम करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से आगजनी, लूट सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, हत्या का प्रयास जैसे गंभीर अपराध किए।
  • राहुल गांधी कथन कि अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ लेते हैं तो देश में आग लग जाएगी, इस वाक्य को चरितार्थ करने वाला है।
  • बलौदाबाजार जिले की शान कंपोजिट बिल्डिंग जला दी गई और आग बुझाने आने वाले तीन फायर ब्रिगेड को भी उपद्रवियों ने फूंक दिया।
  • 40 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और मीडिया के साथियों को भी पीटा गया है।
  • आम जन को भी सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। उनकी गाडि़यां जला दी गई।
  • बलौदाबाजार रजिस्ट्री कार्यालय में भी लाखों की लूट भी रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों से की गई।
  • इस पूरे घटनाक्रम के पीछे राजनैतिक षड्यंत्र है। जैसा राहुल गांधी ने पहले ही कह दिया था उसी तरह की आगजनी की घटना की गई।
  • यह घटना कांग्रेस की सोची समझी साजिश का नतीजा है। विष्णु सरकार को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया गया।
  • भीम आर्मी जैसे बाहरी विचार धारा का भी समर्थन लिया गया जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।
  • सौहार्द बिगाड़ने वाले और इस घटना शामिल तमाम दोषियों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली होगी।

कांग्रेस बोली- सरकार फेल हुई, सीएम इस्तीफा दें

मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा भाजपा सरकार इस अप्रिय घटना के लिए जवाबदेह है। सरकार सजग होती तो यह अप्रिय घटना नहीं घटती। समय रहते जैतखाम को क्षति पहुंचाने वालों पर कार्यवाही की गई होती और आहत समाज से संवाद किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती।

उन्होंने कहा, धार्मिक भावनाएं आहत होने पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं होती। पूरे घटनाक्रम में घोर प्रशासनिक लापरवाही स्पष्ट है। बलौदाबाजार कि घटना कि नैतिक जवाबदेही ले कर मुख्यमंत्री तत्काल इस्तीफा दें। विपक्ष पर आरोप लगाने की राजनीति भाजपा सरकार और उनके मंत्री बंद करें।

कांग्रेस नेता 14 जून को जाएंगे बलौदाबाजार, जांच समिति बनाई

कांग्रेस नेता 14 जून को बलौदबाजार जाएंगे और घटना स्थल का निरीक्षण करेंगे। इन नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत सहित पूर्व मुख्य मंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सभी विधायक शामिल हैं।

बलौदाबाजार की घटना को लेकर कांग्रेस ने 7 सदस्यीय जांच समिति बनाई है। समिति इसकी रिपोर्ट पीसीसी को सौंपेगी। इस समिति में पूर्व मंत्री और धर्मगुरु रुद्र कुमार, विधायक संदीप साहू, जनक राम ध्रुव, पद्मा मनहर, शैलेष नितिन त्रिवेदी और जिलाध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर शामिल हैं। समिति का संयोजक पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया को बनाया गया है।

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