Acn18.com बालकोनगर, 04 मई 2024।* वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दिवस के अंतर्गत समुदाय के साथ मिलकर एमएचएम सप्ताह का आयोजन किया। पूरे सप्ताह कंपनी ने कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी से जुड़े अनेक भ्रांतियां को दूर करने और सस्टेनेबल माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए समुदाय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये।बालको ने ‘सपोर्टिंग ग्रीन पीरियड्स’ पहल की शुरुआत की जो सस्टेनेबल माहवारी स्वास्थ्य प्रथाओं को बढ़ाने के लिए कर्मचारियों की स्वैच्छिकता के साथ मिलकर क्षमता निर्माण का प्रयास है। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को स्वयं के लिए कपड़े से बने पैड को सिलने के कौशल के साथ सशक्त बनाना था जिससे उनकी पैड की आवश्यकता पूरी हो सके। विभिन्न जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से 1,500 से अधिक किशोर और वयस्क तक पहुँच को सुनिश्चित किया गया। माहवारी की जानकारी को खेल और मनोरंजन से जोड़ने पर जागरूकता अभियान को समुदाय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण सफलता मिली।नयी किरण परियोजना के अंतर्गत माहवारी स्वच्छता दिवस के तहत साप्ताहिक माहवारी स्वास्थ्य जागरूकता अभियान में विभिन्न कार्यक्रम शामिल किये गये। मां-बेटी, सास-बहू सम्मेलन के तहत कंपनी ने लोकप्रिय ‘सांप सीढ़ी’ खेल का मानवीय संस्करण तैयार किया जिसमें माहवारी पर संवाद एवं बातचीत को सरल बनाया गया है। खेल की मदद से महिलाओं और परिवार के सदस्य ने उत्साहपूर्वक माहवारी स्वास्थ्य मिथकों और तथ्य पर खुलकर चर्चा की। रात्रि चौपाल के तहत समुदाय में माहवारी की समझ को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से बनी शैक्षिक फिल्में दिखाई गईं। इन फिल्मों का उद्देश्य दिखाए गए पात्रों के व्यवहार के बारे में बातचीत को बढ़ावा देना है। जिससे समुदायों को माहवारी विषय पर बेहतर जानकारी देने में मदद मिली।चाय पर चर्चा थीम के तहत ग्रामीण महिलाओं को एनीमिया से लड़ने के लिए संतुलित आहार की विस्तृत समझ और महत्व के लिए पोषण विशेषज्ञों का सत्र आयोजित किया गया। बेहतर माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गायत्री शर्मा के नेतृत्व में 500 से अधिक महिलाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच किया गया। सेफ स्पेश कैंपेन का उद्देश्य एक न्यायसंगत और समावेशी समाज बनाना है जहां माहवारी के बारे में बातचीत सामान्य हो। इसके अंतर्गत लक्षित क्षेत्रों में माहवारी संबंधी उत्पाद, अस्पतालों और क्लीनिक के सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी “सुरक्षित स्थान” का स्टिकर लगाया गया। इस अभियान के तहत सभी सेवा प्रदाताओं से माहवारी पर बातचीत और पारदर्शी पैकेजिंग को खुले तौर पर अपनाने की शपथ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। सरकारी विभाग के सहयोग से माहवारी पर समुदाय में साकारत्मक परिवर्तन को व्यापक बनाना है। इस पहल का उद्देश्य महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) जैसे सरकारी विभागों के साथ ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना और एमएचएम की समझ को और बढ़ाना है। इस सहयोग से एमएचएम को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करना है।बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हमारे दृष्टिकोण के अनुसार समुदाय का स्वास्थ्य सस्टेनेबल प्रगति की नींव है। स्वास्थ्य पहल के माध्यम से हम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक सभी की पहुंच, सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने और बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध हैं। नयी किरण परियोजना के माध्यम से हम लोगों को सवेंदनशील बनाने का प्रयास कर रहे हैं। माहवारी के दौरान महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने के साथ ही संवेदनशील लीडर तैयार किया जा रहा है।कंपनी को माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन जागरूकता में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने विश्व माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दिवस 2024 के अवसर पर ‘माहवारी स्वच्छता-कॉर्पोरेट एवं सार्वजनिक उपक्रमों में सीएसआर पहल के लिए को प्रतिष्ठित एसोचैम पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया। बेस्ट हेल्थकेयर एक्सीलेंस सीएसआर फिल्म कटैगरी के लिए “सारिका दोंद्रो की नयी किरण”- 2023 को सोशियो कॉर्प सीएसआर फिल्म फेस्टिवल एंड अवॉर्ड द्वारा पुरस्कृत किया गया। ग्रामालय द्वारा तीसरे एमएचएम इंडिया समिट-2023 ‘एमएचएम पर सर्वश्रेष्ठ सीएसआर पहल’ पुरस्कार। सामुदायिक स्वास्थ्य पहल “स्वास्थ्य, पोषण एवं कल्याण” में उत्कृष्ट योगदान के लिए सबेरा अवॉर्ड तथा हेल्थ केयर के लिए 4 वां आईसीसी सोशल इम्पैक्ट अवॉर्ड-2022 से सम्मानित किया गया।बालको ने नयी किरण परियोजना को वर्ष 2019 से सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से कोरबा जिले के गांवों एवं नगर पालिक निगम क्षेत्रों में माहवारी से जुड़ी मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए परियोजना लागू की। माहवारी के दौरान स्वास्थ्य एवं स्वच्छता जागरूकता को बढ़ावा देना, माहवारी संबंधी उत्पाद विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सुरक्षित प्रजनन स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए है। अबतक 45 गांवों में जागरूकता पैदा करने और क्षमता निर्माण गतिविधियों के माध्यम से लगभग 60,000 से अधिक लोगों को संवेदनशील बनाने में मदद की है। नयी किरण छत्तीसगढ़ के कोरबा, पोड़ी उपरोड़ा, करतला, पाली और कटघोरा तक फैला है। परियोजना ने किशोर लड़को एवं लड़कियों, स्व सहायता समूह (एसएचजी) महिलाओं और आंगनबाड़ी तथा आशा कार्यकर्ता से लेकर 600 से अधिक समुदाय के सदस्यों को मास्टर ट्रेनर और समुदाय में बदलाव के पथप्रदर्शक के रूप में सक्षम बनाया है।————————————-
बालको की पहल से माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन के प्रति बढ़ी लोगों की जागरूकता
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