acn18.com नई दिल्ली। दिल्ली के जल संकट को लेकर दायर की गई याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा फैसला आया है। अदालत ने हिमाचल प्रदेश को तत्काल प्रभाव से 127 क्यूसेक पानी हरियाणा को देने को कहा है, जो पानी दिल्ली में छोड़ा जाएगा, जिससे प्यासी दिल्ली को राहत मिल सके। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी पानी बचाने के उपाय करने को कहा है।
मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस पीके मिश्रा और केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने शुरुआती दलील में दिल्ली सरकार के वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि क्या मैं सिर्फ मीटिंग की खास बातों का उल्लेख करू?
‘हिमाचल आपको पानी देगा उसे जाने दें’
उन्होंने आगे कहा, हिमाचल को कोई आपत्ति नहीं है और हरियाणा ने कोई उत्तर नहीं दिया है। रिपोर्ट की यह पूरी समरी है। इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, यह अस्तित्व के मुद्दे की समस्या है।
अदालत ने आगे कहा, क्या पानी हिमाचल से आ रहा है, हरियाणा से नहीं। अदालन ने कहा यह रास्ते के अधिकार का सवाल है। हिमाचल आपको (हरियाणा) 150 क्यूसेक पानी दे रहा है, उसे जाने दीजिए। अगर जरूरत महसूस हुई तो हम मुख्य सचिव को सूचित करेंगे।
हरियाणा सरकार ने हिमाचल से पानी आने के आइडिया को अव्यावहारिक बताया
दिल्ली सरकार के वकील ने रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा, व्यास नदी से पानी हरियाणा नहर से भेजा जा सकता है। हालांकि हरियाणा के वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि यह अव्यावहारिक है।
इस पर कोर्ट ने डॉ. सिंघवी से कहा कि इसके बाद कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए कि हिमाचल ने पानी दे दिया लेकिन हरियाणा नहीं दे रहा।
तब सिंघवी ने कहा कि हमने सिर्फ एक महीने के लिए पानी मांगा है। इसमें सिर्फ पांच मिनट लगना चाहिए था।
इस पर कोर्ट ने कहा कि वह याचिका का संज्ञान नहीं ले रही है बल्कि बोर्ड के सुझाव पर यह फैसला सुनाव रहे हैं। इस पर जस्टिस मिश्रा ने पूछा कि कौन मॉनिटर करेगा कि हिमाचल अधिक पानी दे रहा है कि नहीं?
आपको क्या परेशानी है?- कोर्ट
इस पर सिंघवी ने हरियाणा की दलीलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। दिल्ली सरकार के अन्य वकील शादान फरसत ने हिमाचल से छोड़े जा रहे पानी को लेकर हरियाणा का रवैया अड़ंगा लगाने वाला बताया।
अदालत ने हरियाणा के वकील से पूछा कि आपको क्या परेशानी होगी अगर हम सरप्लस पानी छोड़ने का आदेश दें?
तब दिल्ली सरकार के वकील ने एक बार फिर कहा कि यह सिर्फ एक महीने की ही बात है। तब अदालत ने उन्हें टोका कि ये बात आप पांच बार कह चुके हैं। हम भी इस महीने दिल्ली में ही हैं।