Acn18.com/स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है और लोगों को जागरूक करने में भी लगी हुई है कि उन्हें किस स्तर से अच्छी चिकित्सा मिल सकती है। इसके बावजूद कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा और जानकारी की कमी के कारण कई बार ऐसे मामले हो रही है जिनमें पीड़ित वर्ग अस्पताल जाने के बजाय झोलाछाप डॉक्टर हुए चंगुल में फस जाता है और फिर लेने के देने पड़ जाते हैं। कोटाद्वारी गांव की रहने वाली संगीता के साथ ऐसा ही हुआ। वह 7 माह के गर्भ से थी। अचानक दर्द होने पर उसने पास में रहने वाले झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया। पीड़ित पक्ष के बताएं मुताबिक एक इंजेक्शन दिए जाने के बाद स्थिति बिगड़ गई जिस पर परिजनों को अवगत कराया गया। आनन फानन में संगीता को कोरबा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर डॉक्टर ने मिलकर स्थिति तो जरूर संभाल ली लेकिन संगीता के गर्भस्थ शिशु को नही बचा सके। घटना के बाद पूरी कहानी सामने आई। सीएमएचओ डॉक्टर एसएन केसरी ने बताया कि कोटाद्वारी गांव के इस प्रकरण में झोलाछाप डॉक्टर की भूमिका की जानकारी हुई है। संबंधित महिला सरकारी चिकित्सालय में नहीं गई थी।
गलत इंजेक्शन से हुई गर्भस्थ शिशु की मौत,गर्भवती महिला ने दर्द होने पर किया था संपर्क झोलाछाप डॉक्टर से
More Articles Like This
- Advertisement -