छत्तीसगढ़ में पहले और दूसरे चरण की चार लोकसभा सीटों बस्तर, कांकेर, महासमुंद और राजनांदगांव में मतदान हो चुका है। बूथों से लौटकर मतदान दल निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को जानकारियां और ईवीएम-वीवीपैट जमा कर रहा है। लोकसभा सीटों में हुए मतदान की तुलना 2009, 2014 और 2019 से करें तो रोचक तस्वीर सामने आ रही है।
बस्तर, कांकेर, महासमुंद और राजनांदगांव में साल 2019 की अपेक्षा ज्यादा मतदान हुआ है। आंकड़ों में देखें तो बस्तर में 2.26, कांकेर में 1.97, महासमुंद में .51 और राजनांदगांव में 1.38 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई है। शुक्रवार 26 अप्रैल को वोट टर्न ऐप में मतदान का आंकड़ा कम दिख रहा था। सभी मतदान दल वापस आने के बाद 2019 की अपेक्षा 2024 में लोकसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है।
छत्तीसगढ़ की चार लोकसभा सीटों में वर्ष 2019 की अपेक्षा कुल 6% ज्यादा मतदान हुआ-
सीट | 2009 | 2014 | 2019 | 2024 | 2019 से कम-ज्यादा |
बस्तर | 47.3 | 59.32 | 66.04 | 68.30 | 2.26 |
कांकेर | 57.16 | 70.2 | 74.27 | 76.24 | 1.97 |
महासमुंद | 56.68 | 74.6 | 74.51 | 75.02 | .51 |
राजनांदगांव | 58.86 | 74.2 | 76.04 | 77.42 | 1.38 |
ज्यादा वोटिंग से किसकी चिंता बढ़ेगी
आमतौर पर छत्तीसगढ़ में परसेप्शन है कि विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़े तो राज्य सरकार को टेंशन हो जाती है। वहीं लोकसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो भाजपा को फायदा मिलता है। ऐसे में इस बार भी पहले और दूसरे चरण में मतदान बढ़ा है।
मतदान बढ़ने से बीजेपी खुश है और उसने वोटिंग के बाद भाजपा कार्यालय से आतिशबाजी भी की थी। वोटिंग बढ़ने के प्रतिशत ने राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। इन सबके बाद भी भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।