acn18.com कोरबा / मार्च के अंतिम सप्ताह में ही रिकॉर्ड पड़ रही गर्मी से स्थानीय कुम्हारों को ऐसा लग रहा था कि इस वर्ष उनका व्यवसाय बहुत अच्छा होगा । लेकिन अप्रैल में मौसम कुछ इस कदर मेहरबान हुआ कि लोगों को गर्मी में शिमला जैसा एहसास हो रहा है। इसके कारण कोरबा में मिट्टी के मटकों की पूछपरख ना के बराबर है। इससे कुम्हार चिंतित हैं।
कोरबा के बाजार में गर्मी का मौसम आने के साथ कुम्हारों की दुकान लगनी शुरू हो गई है। समय के साथ कुम्हारों ने अपने व्यवसाय को कुछ हद तक बदलने की कोशिश की है। कोरबा के बाजार में उनके उरपाद इन दिनों उपलब्ध हैं। पर पिछले दिनों लगातार हुई बारिश के कारण तापमान में काफी कमी आई है । इस वजह से मटकों की बिक्री नही के बराबर है। इससे विक्रेता चिंतित है। विक्रेता और नागरिक बताते हैं कि गर्मी के मौसम में मिट्टी के मटकों का पानी काफी बेहतर होता है।
कोरबा में मौसम के परिवर्तन से तापमान में 10 डिग्री से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई है। बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि होने के कारण कई प्रकार के नुकसान भी हुए हैं । विभिन्न क्षेत्रों में मौसम का रुख अभी भी उतार-चढ़ाव वाला बना हुआ है । आगामी दिनों में तापमान में होने वाली बढ़ोतरी के साथ मिट्टी पर आधारित सामान बनाने वाले लोगों की उम्मीद कुछ हरी हो सकेंगे ।