acn18.com कोरबा/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाने विकसित भारत – विकसित छत्तीसगढ़” कार्यक्रम अंतर्गत एसईसीएल की तीन प्रमुख फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफ़एमसी) परियोजनाओं का वर्चुअल रुप से उद्घाटन किया गया। इसके अंतर्गत दीपका ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट का उद्घाटन किया गया जिसे 211 करोड रुपए की लागत से तैयार किया गया है। ऐसईसीएल दीपका क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने बताया कि नए प्लांट की स्थापना होने से हम तेज गति से कोयला की आपूर्ति कर सकेंगे।
कोयला और ऊर्जा क्षेत्र को लेकर देश में तेजी से काम किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में छत्तीसगढ़ के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार की गई परियोजनाएँ तेज, पर्यावरण-हितैषी और कुशल मशीनीकृत कोयला निकासी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। एसईसीएल के दीपका क्षेत्र स्थित दीपका ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट 211 करोड़ रुपये से अधिक लागत की एक प्रमुख परियोजना है। वार्षिक 25 मीट्रिक टन की कोयला हैंडलिंग क्षमता के साथ इस परियोजना में 20,000 टन की ओवरग्राउंड बंकर क्षमता और 2.1 किमी लंबी कन्वेयर बेल्ट है, जो प्रति घंटे 4,500 – 8,500 टन कोयले की तेजी से लोडिंग की सुविधा प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त यह परियोजना पिटहेड और रेल साइडिंग के बीच सड़क आधारित कोयले की आवाजाही को कम करके पर्यावरण अनुकूल परिवहन सुनिश्चित करेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वर्चुअल रूप से इस परियोजना का उद्घाटन किया। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड दीपिका क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने बताया कि दीपिका माइंस की उत्पादन क्षमता अब 40 लाख टन वार्षिक हो गई है। पहले हमारे पास कोयला डिस्पैच के लिए सीमित संसाधन थे, जिसके कारण समस्याएं होती थी। समय की मांग को देखते हुए क्षमता विस्तार किया गया है। इससे कामकाज आसान होगा और हम व्यापक तरीके से कम कर सकेंगे। byt अमित सक्सेना, सीजीएम दीपिका क्षेत्रसाउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड करे से बताया गया है कि कोयला डिस्पैच के लिए जो व्यवस्था वर्तमान में की गई है उससे पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि रेक लोडिंग का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा और परिचालन दक्षता भी बढ़ेगी। याद रहे साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कुल उत्पादन लक्ष्य की बड़ी मात्रा की पूर्ति कोरबा जिले में स्थित खदानों से हो रही है इस समय के साथ इनका दायरा बढ़ता जा रहा है ऐसे में संभव है कि आने वाले समय में जिले में कुल सेक्टर में और भी काम किए जाएंगे। ऐसा होने से प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के अवसरों में भारी बढ़ोतरी होगी