acn18.com वाराणसी /ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में एक और प्रार्थना पत्र देगा। इसके माध्यम से परिसर स्थित सील वजूखाने का एएसआई से सर्वे कराने का अनुरोध किया जाएगा। साथ ही कुछ अन्य पुख्ता साक्ष्य एकत्र करने के लिए अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि जैसी खोदाई की मांग भी की जाएगी। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने शनिवार को कहा कि 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देंगे। इसके जरिये सील वजूखाने के वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे का अनुरोध किया जाएगा कि वहां मौजूद स्वयंभू शिवलिंग के बारे में एएसआई सर्वे कर बताए कि उनसे संबंधित वास्तविकता है क्या…?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी को नागर शैली का मंदिर बताया गया है। इसी शैली से काशी विश्वनाथ मंदिर भी बना है। अयोध्या में रामलला का मंदिर भी पहले नागर शैली से बना था। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी भी भव्य हिंदू मंदिर था। मंदिर का ढांचा हूबहू अयोध्या में बने राम मंदिर से मिल रह है। प्रवेश द्वार के बाद दो मंडप और गर्भगृह की परिकल्पना की गई है। नागर शैली में ही बने अयोध्या के रामलला के मंदिर में भी प्रवेश के बाद मंडप और सबसे अंतिम छोर पर गर्भगृह स्थापित है। ज्ञानवापी में पूर्वी दीवार के आगे भी मंदिर की संभावना जताई जा रही है। हालांकि पूर्वी दीवार बंद होने के चलते उसके आगे का सर्वे एएसआई की टीम नहीं कर सकी है।
कोर्ट के आदेश का इंतजार करें: हिंदू पक्ष
सर्वे में 55 मूर्तियां और 93 सिक्के समेत कई साम्रगियां मिलीं
176 सदस्यीय टीम ने किया सर्वे
18 मानव की मूर्तियां मिलीं
विग्रह और धार्मिक चिह्नों की उम्र दो हजार वर्ष पुरानी
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी की दीवार सहित कई स्थानों पर मिले विग्रह और धार्मिक चिह्नों की विधिवत जांच की गई। जीपीआर सहित अन्य तकनीक से हुई जांच में कुछ चिह्नों की उम्र दो हजार वर्ष पुरानी मिली है। एएसआई ने प्रत्येक चिह्न को पूरे विवरण के साथ ही प्रस्तुत किया है।