acn18.com कोरबा/ बालको नगर पुलिस थाना क्षेत्र के दोन्द्रों गांव में एक जनजातीय परिवार की वरिष्ठ महिला ने खुदकुशी कर ली। उसे घर के एक कमरे में फांसी के फंदे पर लटका देखा गया। गांव में अपने तरह का यह सबसे अलग घटनाक्रम रहा है। स्थानीय पुलिस ने सूचना मिलने पर मर्ग कायम किया है। इस मामले में इस प्रकार की बातें की जा रही है कि घर की दयनीय आर्थिक स्थिति ने महिला को काफी परेशान कर रखा था।
अवसर और संसाधन की कमी के कारण जो स्थिति लोगों के सामने उत्पन्न होती है और वह उसे लंबे समय तक सामना करते हैं उसे नाम मिला हुआ है गरीबी का। काफी समय तक इस प्रकार के हालातो से जूझने के दौरान संबंधित लोगों में निराशा की भावना उत्पन्न हो जाती है और वह आसपास की चीजों को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखने के साथ गलत कदम भी उठा लेते हैं। बालको नगर से 3 किलोमीटर दूर दोन्द्रों गांव में मुंदरी कंवर ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिवार के एक सदस्य रामदयाल कंवर ने बताया कि घर के लोगों से नजर बचाकर उसने इस घटना को अंजाम दिया। इसी गांव में रहने वाले एक ग्रामीण मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि महिला के परिवार की स्थिति अच्छी नहीं थी। ऐसे में 6 सदस्यों के भरण पोषण की जिम्मेदारी एक व्यक्ति पर होने से वह परेशान थी। संभावना है कि गरीबों की वजह से उसने इस तरह का निर्णय लिया होगा।
भारत में काफी समय से सरकारों के द्वारा गरीबी दूर करने के नारे लगाए जाते रहे और लोगों को सपना दिखाया जाता रहा की जल्द ही यह दौर जल्द समाप्त हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। गरीबी उन्मूलन के नाम पर अतीत में अनेक योजनाएं चलाई गई और जमकर प्रचार प्रसार भी किया गया किंतु नतीजा कोई खास नहीं आ सके। सरकार के कुछ कार्यक्रमों से गरीबों का भले ही कल्याण हो रहा है लेकिन आर्थिक मामलों में उनका स्तर बहुत ज्यादा ऊंचा नहीं उठ सका है जिसकी जरूरत महसूस की जा रही है