acn18.comकोरबा /सड़क हादसे होने पर चालकों के विरुद्ध होने वाली कठोर कार्रवाई के प्रस्ताव का विरोध होने लगा है। सरकार के द्वारा हाल में ही इस आशय का बिल पेश किया गया है, जिसने संबंधित वर्ग को नाराज कर दिया है। इस मामले को लेकर कोरबा में इंडियन आयल कॉरपोरेशन के टर्मिनल में वाहन चालकों ने हड़ताल कर दी। वे चाहते हैं की मनमाने कानून को वापस लिया जाए।
कोरबा जिले के गोपालपुर स्थित इंडियन आयल कारपोरेशन के टर्मिनल के माध्यम से छत्तीसगढ़ के कई जिलों को डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति की जाते हैं। उड़ीसा के पारादीप से गोपालपुर तक के लिए पाइपलाइन बिछाई गई है जिससे हर दिन बड़ी मात्रा में डीजल और पेट्रोल पदार्थ यहां तक पहुंचता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल में यह टर्मिनल प्रारंभ हुआ जो अब तक अपनी बड़ी भूमिका अदा कर चुका है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों के पेट्रोल डीलर्स को यहां से सेवाएं प्राप्त हो रही है जिनके लिए वाहन चलाने वाले ड्राइवर ने हड़ताल कर दी है। ड्राइवर इस बात से काफी नाराज है कि सड़क हादसों की स्थिति में उनके विरुद्ध 5 लाख का जुर्माना और 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है जो व्यावहारिक नहीं है। उनकी मांग है कि हर हाल में इस कानून को रद्द किया जाए तभी कामकाज शुरू किया जाएगा।कोरबा जिला परिवहन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जीडी महंत केंद्र सरकार के हलिया प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने बताया कि इस तरह के निर्णय अनुचित है और लोगों का नाराज होना लाजमी है।
ढाई सौ से ज्यादा वाहन चालकों के हड़ताल पर चले जाने से इंडियन तेल कॉरपोरेशन के गोपालपुर टर्मिनल से लोड आगे नहीं जा सका। इसके चलते विभिन्न क्षेत्रों में डीजल पेट्रोल पंप संचालन करने वालों के लिए समस्या खड़ी हो गई दूसरी और उपभोक्ताओं को भी समस्याओं से जूझना पड़ा। देखना होगा कि इस मसले का समाधान करने के लिए आगे क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं
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