acn18.com कोरबा/ कोयला, अल्युमिनियम बिजली सहित कई उद्योगों के कारखाने का संचालन कोरबा जिले में हो रहा है। यहां से सबसे अधिक राजस्व प्रदेश को प्राप्त होता है। विकास के मामले में अग्रणी होने के बावजूद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का आलोक अब तक नहीं बिखर सका है। कई कारण इसके लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं । ऐसे में अरेतरा के पास भुरूमाटी गांव में बच्चों को औपचारिक शिक्षा देने के लिए मस्ती की पाठशाला चलाई जा रही है। बच्चे खूब मजे के साथ इसमें अपनी भागीदारी कर रहे हैं।
घर में मिलने वाले संस्कार और वहां के परिवेश के आधार पर बच्चे बहुत कुछ चीज सीख लेते हैं और इसलिए मां को सबसे पहले गुरु कहा जाता है। भारत के कोने कोने में इसी प्रकार की मान्यता बनी हुई है और इसे लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। घर की शिक्षा के बाद बच्चों के लिए अगला पड़ाव विद्यालय हुआ करते हैं जहां से वह जीवन की अगली पढ़ाई करते हैं और यहां से उन्हें शिक्षकों के जरिए ज्ञान प्राप्त होता है। कहीं नर्सरी तो कहीं आंगनबाड़ी और फिर इसके बाद प्राथमिक विद्यालय की बारी आती है जो बच्चों को अक्षर से आगे की जानकारी देने का काम करते हैं। लेकिन क्या होगा जब किसी क्षेत्र में इस प्रकार की व्यवस्था नहीं होगी। इसका जवाब यही हो सकता है कि कोई और तरीके से बच्चों को जोड़ने के साथ उन्हें शुरुआती शिक्षा देने के लिए काम होगा। जनजतीय बाहुल्य कोरबा विकासखंड के अरतरा पंचायत के भुरूमाटी गांव में मस्ती की पाठशाला शुरू करने के पीछे यही सब कुछ कारण जिम्मेदार रहे। गांव में बच्चों को वर्णमाला से लेकर गिनती और पहाड़ की जानकारी देने का काम शीला माझवर कर रही है। देवपहरी से पढ़कर शीला बच्चों को ज्ञान देने में जुटी है। वे बताती है कि यहां से प्राथमिक विद्यालय दूर है और आंगनबाड़ी नहीं है इसलिए इस तरह की कोशिश की जा रही है । बच्चों के हिट में यहां पर सेवा धाम के द्वारा शेड बना कर दिया गया है। शीला बताती है कि इस क्षेत्र में सुविधा बढ़ाने की जरूरत है। अगर नियमित रूप से शिक्षा के यहां उपलब्ध होंगे तो बच्चों को इसका काफी लाभ मिल सकेगा।
शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है और संसाधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दूरस्थ इलाके में जिस तरह की चुनौतियां बनी हुई है उसे ध्यान में रखने के साथ इस तरफ आवश्यक काम करने के बारे में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है