acn18.com कोरबा/कोरबा जिले में तापमान के नीचे आने के कारण जन जीवन पर प्रभाव पड़ रहा है। सभी विद्यालयों में समय सारणी बदल दी गई है और छात्रों को राहत देने की कोशिश की गई है। उधर आंगनबाड़ी केदो में बच्चों की उपस्थिति का ग्राफ काम हो गया है। हालांकि इसके पीछे मौसम के साथ-साथ दूसरी समस्याओं की अपनी बड़ी भूमिका है।
कोरबा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र मिलाकर 2500 से ज्यादा आंगनवाड़ी संचालित की जा रही है। इनमें से बड़ी संख्या सरकारी भवनों की है जबकि कुछ मामलों में किराए की व्यवस्था से सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रखरखाव की कमी से कई सरकारी आंगनवाड़ी केंद्र जर्जर हालत में पहुंच गए हैं और मौके पर खतरे बने हुए हैं। इसके चलते आंगनबाड़ी का स्टाफ परेशान है और वहां के बच्चे भी। मौके पर लगातार इस बात का डर बना रहता है कि पता नहीं कब क्या हो जाए। कोरबा के वार्ड संख्या 15 ढोढ़ीपारा में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र के सामने हालात कुछ ऐसे ही है। सहायिका ने बताया कि यहां की हालत काफी समय से ऐसी ही है। वर्तमान में बच्चों की संख्या भी कम हो गई है। बताया गया कि बच्चों के नहीं आने के पीछे अलग-अलग कारण है। परेशानियों के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया गया है। जबकि यह कि कार्यकर्ता मातृत्व अवकाश पर चल रही हैं।
आंगनबाड़ी केदो में बच्चों और शिशुवटी महिलाओं पर केंद्रित कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। नियमित रूप से वजन लेने के साथ उन्हें पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। एक सप्ताह के लिए आंगनबाड़ी केदो में मेनू भी बनाया गया है और इसके हिसाब से हितग्राहियों को सुविधा दी जा रही है। अगर इतना सब कुछ होने पर भी आंगनबाड़ी केदो में उपस्थित काम है तो फिर नए सिरे से समीक्षा करने की जरूरत है