acn18.com कोरबा/दर्री के डाँड़पारा में एक परिवार को बहिष्कृत कर देने से उनके सामने मुश्किलें खड़ी हो गई है। लंबे समय से यह स्थिति तब बनी है जब सम्बंधित लोगों ने बेमतलब पेनल्टी भी अदा कर दी। अब दर्री पुलिस ने मौके का जायजा लेने और समस्या का समाधान करने की बात कही है।
कहने के लिए समाज आधुनिकता की ओर जा रहे है लेकिन कुछ लोगों ने अपने वर्चस्व के लिए कई नियम बना रखे हैं जिनकी बड़ी कीमत छोटे लोगों को चुकानी पड़ रही है। कोरबा जिले के दर्री डाँड़पारा में सोनी परिवार के सामाजिक बहिष्कार की कुछ ऐसी कहानी है जिसके कारण परिवार बहुत परेशान है। पीड़ित लाल बहादुर सोनी ने बताया कि वह परिवार सहित डांडपारा बस्ती में रहता था। वह बिजली कर्मी था। 3 दशक पहले अगस्त 1997 बस्ती के गौटिया और कुछ दबंग लोग आधी रात को उनके घर घुस गए। उन्होंने नींद से उठाकर कई तरह की बातें की और यहां से भाग जाने को कहा । वे बस्ती से नहीं गए तो उनका घर तोड़ दिया गया। परिवार को बहिष्कृत कर दिया गया। तब से वह बस्ती के समीप जंगल में झोपडी बनाकर परिवार के साथ रहने लगा। जहां मवेशी पालकर परिवार चला रहा है। बस्ती में न तो कोई उनके परिवार से बातचीत करता है और न ही किसी प्रकार का लेना-देना। एक दिव्यांग से खरीदी करना भी उन्हें भारी पड़ गया। और तो और पेनल्टी देने एवं घर में रामायण कार्यक्रम करने पर भी कोई व्यक्ति उनके यहां नहीं आया। गौटिया के फरमान के कारण ऐसी स्थिति बनी।
सामाजिक बहिष्कार से जुड़े हुए मामलों को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है और इस तरह की हरकत करने वालों पर सख्ती भी बरती जा रही है। दर्री पुलिस थाना प्रभारी रूपक शर्मा ने बताया कि इस तरह की घटनाएं सभी समाज के लिए अस्वीकार है जल्द ही संबंधित क्षेत्र का दौरा करने के साथ प्रकरण को सुलझाने और पीड़ित पक्ष को राहत देने की कोशिश की जाएगी
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