Acn18.com/औसत से अधिक बारिश होने के कारण नवंबर दिसंबर में पढ़ने वाली कड़के की ठंड से रबी सीजन के गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है. अब तक का मौसम फसलों के विस्तार के लिए बहुत अनुकूल रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभागने कहा, “नवम्बर और दिसम्बर में ठंडा तापमान मजबूत अनाज निर्माण के लिए आवश्यक है.”
धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में अन्य फसलों की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है. छत्तीसगढ़ में चना, तिवड़ा, सरसो, गेहूं रबी की मुख्य फसलें हैं. बीते तीन सालों में गेहूं की खेती की ओर राज्य के किसानों का रूझान तेजी से बढ़ा है. जिसके चलते गेहूं की रकबे में पौने तीन गुना की वृद्धि हुई.
छत्तीसगढ़ के सिर्फ चार जिलों राजनांदगांव, कबीरधाम, बेमेतरा, दुर्ग क्षेत्र में देखें तो, गेहूं की खेती का रकबा तीन सालों में तीन गुना बढ़ गया है. राज्य के बिलासपुर संभाग के जिलों में भी गेहूं की खेती के रकबे में भी तीन सालों में लगभग 30 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है. मुंगेली जिले में गेहूं का रकबा लगभग ढ़ाई गुना बढ़ा है. छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वाधिक गेहूं का रकबा सरगुजा में हैं. सूरजपुर, बलरामपुर में करीब 12 हजार हेक्टेयर में गेंहू की फसल बोई जाती हैं.