Acn18.com/आश्विन नवरात्र पर्व पर यूं तो शक्ति की उपासना की जाती है। इसके साथ ही देवी के प्रति भक्ति दिखाने के लिए भक्तगण गरबा भी करते हैं। इन सब के बीच कोरबा में ऐसा पहली बार होगा जबकि लोग भीड़भाड़ वाली जगह पर गरबा के परिसर में महिला और पुरुष बाउंसर को देखेंगे। यह सब होगा तमाम तरह की अव्यवस्था और शिकायत की रोकथाम के लिए।
आप सोच सकते हैं कि पूजा पाठ वाली जगह पर आखिर बाउंसर क्या करेंगे। लोगों का इस तरह से सोचना भी सही हो सकता है क्योंकि बाउंसर की सेवाएं व्यवसायिक संस्थान लिया करते हैं ,जहां पर कई प्रकार के फसाद की स्थिति निर्मित होते रहती है। लेकिन नए दौर में कई प्रकार के बदलाव हो रहे हैं और चुनौतियां भी खड़ी हो रही है इस इरादे से बाउंसर रखना जरूरी हो गया। यही कारण है कि कोरबा नगर के साथ-साथ कटघोरा और आसपास के क्षेत्र में बड़े बजट बजट वाले दुर्गा पूजा पंडाल और गरबा स्थल पर बाउंसर की सेवाएं ली जा रही है। डॉ राजेंद्र प्रसाद नगर कोसाबादी दुर्गा पूजा समिति ने जरूर इस बात को लेकर समझी है कि उसके गरबा खेलने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है इस दौरान ड्रेस कोद से लेकर अलग-अलग कारणों से समस्याएं पेश आती है। ऐसे में समिति को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसलिए बाउंसरों की सेवा ली जा रही है।
हालांकि पिछले वर्षों में छेड़छाड़ जैसे मामले यहां पर नहीं हुए हैं । फिर भी जिस तरह से दबाव बढ़ रहा है उसके कारण समस्याएं हो सकती है। ऐसे में बाउंसर अपना काम करेंगे।
महाराणा प्रताप नगर दुर्गा पूजा समिति में भी 9 दिन तक गरबा होता है और यहां भी काफी संख्या में बच्चों से लेकर युवा और उम्र दराज लोग शामिल होते है। समिति ने असुविधा से बचने के लिए बाउंसर रखना सुनिश्चित किया है।
विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए बाउंसर उपलब्ध कराने वाली एक फार्म के संचालक जय राम सिंह बताते हैं कि अब तक छह स्थानों के लिए उनके पास ऑर्डर आए हैं। इन सभी स्थानों पर तीन महिला और तीन पुरुष बाउंसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
यह खबर प्रमुख दुर्गा पूजा समितियां के परिसर में गरबा खेलने वालों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें नवरात्र पर अपनी भागीदारी करने के दौरान कई प्रकार के नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। क्योंकि समितियां के द्वारा जो नियम तय किए गए हैं उसका पालन करने की जिम्मेदारी वॉलिंटियर्स के बजाय केवल बाउंसर की होगी। इसलिए अप्रिय स्थिति से बचने के लिए हर किसी को अपने स्तर पर समझदारी का परिचय देना ही होगा।