Acn18.com/समय के साथ-साथ कोरबा जिले में बिजली घरों से निकलने वाली राख हर किसी के लिए आफत का कारण बन चुकी है। लोगों और संस्थाओं की निजी जमीन पर राख डंप करने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसके चलते विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। वही वातावरण के साथ मिलकर रख कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देने में लगी है। इस पूरे मामले को लेकर कई प्रकार के आरोप लग रहे हैं और सवाल भी खड़े हो रहे है।
मनमाने ढंग से बिजलीघर की राख डंप करने की यह तस्वीर भवानी मंदिर के पास की है, जहां पूर्वांचल विकास समिति की जमीन है और उस पर वर्तमान में भवन निर्माण का काम चल रहा है। इसके लिए समिति के द्वारा बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री लाकर यहां रखी गई। अवैध रूप से लाई जा रही राख को यहां लाकर डंप कर देने के कारण लाखों का सामान दब गया। समिति के अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी होने पर दरी और सीएसईबी पुलिस को अवगत कराया गया। इसके बाद मनमाने और अवैध तरीके से राख डंप करने वाले लोगों की खबर ली गई।
डॉ राजीव सिंह का आरोप है कि राख डंप करने वालों को ऊपर से संरक्षण मिला है। इस वजह से आम लोगों के साथ-साथ खेती किसानी करने वाला वर्ग भी परेशान है। जबकि राख की समस्या से स्वसन और एलर्जी संबंधी बीमारियां भी लोगों के लिए खतरा बनी हुई है।
डॉक्टर राजीव ने बताया कि आखिर राख से रुपये बनाने वाले लोग और उनके कारिंदे किसी भी कारण से दूसरों की जमीन का दुरुपयोग कैसे कर सकते है।
पिछले काफी समय से रखड़ को लेकर कोरबा जिले में विवाद और मारपीट की स्थिति निर्मित होते रही है। लोगों की निगरानी के बाद ट्रांसपोर्टर ने दूसरे रास्ते तलाश लिए थे लेकिन एक बार फिर से उनकी मनमानी शुरू हो गई। ऐसे में सवाल खड़े होने स्वाभाविक है।