कोरबा के सुदूर वनांचल गांव कछार में रहने वाले एक परिवार को उस कृत्य की सजा भुगतनी पड़ रही है जिसे उन्होंने किया ही नहीं,पहले तो दबंगों ने चोरी का आरोप लगा परिवार के एक बालक की बेरहमी से पिटाई कर दी। उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दिया। जब बात नहीं बनी तो गांव के चैपाल में बैठक कर परिवार को ही बहिष्कृत कर दिया। उनके सामूहिक कार्य में भी शामिल होने पर रोक लगा दी गई। जिससे आहत पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।
कोरबा के एसपी कार्यालय में अपने परिवार के साथ मौजूद इस व्यक्ति का नाम नानसाय सारथी है। करतला थाना क्षेत्र के ग्राम कछार निवासी नानसाय के पूरा परिवार को गांव के दबंगो ने बहीष्कृत कर दिया। हुक्का पानी बंद होने से परेशान नानसाय ने एसपी से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। नानसाय का कहना है,कि चोरी का झूठा आरोप लगाकर उसके नाबालिग पुत्र की गांव में ही रहने वाले अनिल राठिया और लाल बहादुर ने बेरहमी से पिटाई कर दी गई साथ ही कार्रवाई के लिए पुलिस से शिकायत की। साक्ष्य नहीं मिलने पर पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। फिर क्या था अगले दिन पंचायत की बैठक बुलाई गई और नानसाय के पूरे परिवार को बहीष्कृत कर दिया गया।
नानसाय ने बताया कि इससे पहले भी परिवार को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा था करीब 4 साल पहले उनकी बहू स्कूल के समीप बोरिंग में पानी लेने गई थी। जिसे लेकर परिवार को बहिष्कृत कर दिया गया। मामले की शिकायत लगातार पुलिस से की जाती रही, लेकिन किसी तरह की मदद नहीं मिली। करीब छह माह पहले गांव में कार्यक्रम आयोजित था, जिसमें एक हजार बतौर दंड देने के बाद सम्मिलित किया गया था। बहरहाल एसपी से मालमे की शिकायत की गई है देखने वाली बात होगी,कि पुलिस इस दिशा में किस तरह की कार्रवाई करती है।
पवन तिवारी