डोंगरगढ़। धर्मनगरी डोंगरगढ़ से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां नगर पालिका परिषद ने वर्ष 2019 से आज तक कई हाइड्रोलिक ट्रॉली वाली गाड़ियां खरीदी, जिनका उपयोग कचरा उठाने में किया जाना था. लेकिन दुर्भाग्य से आज यही हाइड्रोलिक गाड़ियां कचरा बन गई है. इनमें से कुछ गाड़ियों का ही उपयोग किया गया. बाकी नई की नई गाड़ियों को आज तक उपयोग नहीं कर उन गाड़ियों को चौथना स्थित फिल्टर हाऊस के पीछे कबाड़ होने के लिए छोड़ दिया गया है. वहां झाड़ियों के बीच छुपी इन गाड़ियों से धीरे-धीरे पार्ट्स भी निकाल कर बेचा जा रहा है.
एक ओर हमारे देश के प्रधानमंत्री सफाई अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ अभियान के आड़ में गाड़ियां खरीदकर कबाड़ बनाकर बेचने की तैयारी में हैं. सूत्रों की माने तो एक गाड़ी को कबाड़ में बेच भी दिया गया है. नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ में हो रही ऐसी घटनाओं से पद में बैठे अधिकारी और जनप्रतिनिधि बेखबर हैं.
नगर पालिका परिषद में कार्यरत कर्मचारियों का हौसला इतना बुलंद हैं की नई गाड़ियों को कबाड़ बना बेचने का हिम्मत रखते हैं. इससे ऐसा प्रतीत होता है की अधिकारी कर्मचारियों के आड़ में ऐसे भ्रष्ट कार्य हो रहे हैं.
जब इस मामले में मुख्य नगर पालिका अधिकारी कुलदीप झा से बात की गई तो उन्होंने बताया की मैंने अभी नया पदभार संभाला है और गाड़ियों का कबाड़ होने की बात मीडिया के माध्यम से पता चली है. इसकी जांच की जाएगी और दोषियों को नहीं बक्शा जायेगा. उनपर उचित कार्रवाई की जाएगी.
वहीं मामले में नगर पालिका परिषद डोंगरगढ़ के अध्यक्ष सुदेश मेश्राम ने भी यही बात कही की उन्हें इसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है. दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
लेकिन यह सवाल उठना लाजिम है की लाखों की गाड़ियां कबाड़ बन रही है और जिम्मेदारों को खबर नहीं. इस बात पर भरोसा करना कठिन है. बहरहाल, अध्यक्ष और सीएमओ दोनों ने कार्रवाई की बात की है. अब देखना ये है कि कार्रवाई कब और किसपर होती है.