धर्मांतरित परिवारों का बहिष्कार:ईसाई परिवार को दुकान से न सामान दिया जाएगा, न लिया जाएगा, नियम तोड़ने वाले को 5 हजार रुपए के दंड

छ्त्तीसगढ़ के बस्तर में धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ा हुआ है। अब बस्तर जिले के तीरथगढ़ में सर्व हिंदू समाज ने एक बैठक आयोजित कर धर्मांतरित परिवारों का बहिष्कार कर दिया है। साथ ही उन्हें दुकान से न तो सामान देना और न ही लेने का निर्णय लिया गया है। यदि कोई भी व्यक्ति धर्मांतरित परिवार से किसी भी तरह का संबंध रखता है तो उसपर 5 हजार रुपए आर्थिक दंड लगाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय का एक पत्र दरभा तहसीलदार को भी सौंपा गया है।

जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले तीरथगढ़ गांव के सर्व हिंदू समाज के लोगों ने गांव में ही बैठक की थी। इस बैठक में करीब 10 बिंदुओं पर निर्णय लिया गया है। तहसीलदार को जो आवेदन सौंपा गया है उसमें लिखा हुआ है कि, यदि धर्मांतरित परिवार जनवरी 2024 तक अपने मूल धर्म में नहीं लौटते हैं तो कृषि भूमि को समिति के माध्यम से देवी-देवताओं को मानने वालों को सौंपा जाएगा।

साथ ही गांव के धार्मिक स्थलों से ईसाई समुदाय के लोगों को हटाया जाएगा। गांव के किसी भी धार्मिक काम में ईसाई परिवार के सदस्यों से चंदा नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा धर्मांतरित परिवार के किसी भी सदस्य की यदि मौत होती है तो शव को दफनाने के लिए गांव में न तो जमीन दी जाएगी और न ही शमशान घाट दिया जाएगा। यदि परिवार के सदस्य अपने मूल धर्म में लौटते हैं तो ही अनुमति दी जाएगी।