Acn18.com/छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बारिश से बने बाढ़ के हालात और पानी के जमाव से डेंगू का खतरा बढ़ गया है। मंगलवार की सुबह तक राज्य में डेंगू के 191 केस मिल चुके हैं। इनमें ज्यादातर मरीज शहरी क्षेत्रों के हैं। केवल 20 प्रतिशत मरीज शहर के आसपास गांव के रहने वाले हैं।
एक साथ डेंगू के इतने मरीज आने से स्वास्थ्य अमला भी अलर्ट मोड में आ गया है। डेंगू के लक्षण, बचाव और सावधानी को लेकर दैनिक भास्कर ने राज्य महामारी नियंत्रक डॉ. सुभाष मिश्रा से बात की।
इन जिलों में सबसे ज्यादा डेंगू मरीज
डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक डेंगू के केस दुर्ग से 92 और रायगढ़ से 37 केस मिले है। इसके अलावा बस्तर से 17 बीजापुर से 8 और रायपुर से 4 केस सामने आए हैं। इन मरीजों का इलाज जिला अस्पतालों और अर्बन हेल्थ सेंटरों में किया जा रहा है। मिश्रा ने कहा कि अचानक आए डेंगू के इन मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को सतर्क किया गया है। हम नगर निगमों के साथ मिलकर लार्वा पनपने वाले जगह पर मेलाथियान का छिड़काव करवा रहे है।
2 सालों में तेजी से बढ़ा है डेंगू
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2022 से अगस्त 2022 तक डेंगू के 859 मरीज थे। इनमें सर्वाधिक केस बस्तर से आए थे। इसके अलावा 2021 में 1086 केस राज्य में मिले थे।
डेंगू कैसे होता है, जानिए-
डेंगू एक वायरल बीमारी है। मादा एडीज मच्छर के काटने की वजह से डेंगू होता है। यह मच्छर गंदगी में नहीं बल्कि साफ जगह पर पनपते हैं और रात के अपेक्षा दिन के समय काटते हैं। ये चार प्रकार का होते हैं, टाइप-1, टाइप-2, टाइप-3, टाइप-4। बोलचाल की भाषा में इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। इसके अलावा ज्यादातर शहरों में फैलने के चलते इसे शहरी बीमारी भी कहा जाता है। सही तरीके से इलाज नहीं मिलने और मामला गंभीर हो जाने पर मरीज की मौत भी हो जाती है।
जुलाई से अक्टूबर महीनें तक खतरा ज्यादा
डेंगू के सबसे ज्यादा मामले जुलाई से अक्टूबर के महीने में देखने को मिलते हैं। कहने का मतलब यह है कि आमतौर पर डेंगू बारिश के मौसम में ही फैलता है। चूंकि ऐसे समय में पानी जमा होने की वजह से इसके केस बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है।
डेंगू के लक्षण पहचानें
शरीर में अगर इनमें से 3-4 लक्षण दिखें, तो समझ जाएं कि डेंगू होने के चांस हैं।
सिर दर्दमांसपेशियों और हड्डियों में दर्द
- ठंड लगने के साथ बुखार चढ़ना
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- आंखों में दर्द
- स्किन पर लाल चकत्ते होना
- मुंह का स्वाद खराब लगना।
डेंगू से बचाव के लिए ये सावधानी अपनाएं
- डेंगू से बचाव के लिए घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें। कूलर, गमले, बर्तन आदि में पानी इकठ्ठे होने न दें और पानी को बदलते रहे।
- सोते समय दिन हो या रात मच्छरदानी का उपयोग करें।
- पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने और कमरों की साफ-सफाई के साथ उसे हवादार बनाये रखें।
- घर के आसपास गंदगी जमा न होने दें। जमे हुए पानी में मच्छर के लार्वा दिखने पर लर्विसायिड या मिट्टी का तेल डालें, 24 घंटे के बाद इस पानी को फेंके।
- मच्छरों से बचने घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली जरूर लगाएं।
- डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर स्वास्थ्य की जांच कराएं
मरीज के खाने-पीने का कैसे रखें ध्यान
- डेंगू के मरीज को सादा पानी, नींबू पानी, दूध, लस्सी, छाछ और नारियल पानी देना चाहिए, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
- ध्यान रखें कि मरीज के शरीर में हर दिन 4 से 5 लीटर लिक्विड जरूर जाना चाहिए। हर 1 से 2 घंटे में कुछ न कुछ खाने-पीने के लिए देते रहें।
- मरीज के यूरीन की स्थिति पर ध्यान दें। यदि पेशेंट हर 3 से 4 घंटे में एक बार पेशाब जा रहा है तो मतलब खतरे की बात नहीं है।
- यदि पेशाब की मात्रा या फ्रीक्वेंसी कम है तो मरीज को तुरंत लिक्विड डाइट पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से बात करनी चाहिए।