Acn18.com/बालोद जिले के ग्राम करहीभदर में लंबे समय से लोग शराब दुकान की मांग कर रहे हैं। इसमें हो रही देरी को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने गांव के मंच पर महाचौपाल लगाई और अधिकारियों की क्लास ले ली। शराब दुकान की मांग को लेकर घंटों तक यहां हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है।
बता दें कि 11 अगस्त को एक आदेश जारी हुआ था, जिसमें ग्राम करहीभदर के ग्रामीणों ने शराब दुकान खोले जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि गांव में जगह-जगह पर अवैध शराब बिक रही है। अगर शासन-प्रशासन यहां शराब दुकान खोल दे, तो अवैध शराब बिक्री पर लगाम लग जाएगी। जिसके बाद आबकारी आयुक्त ने दुकान खोलने के लिए आदेश जारी किया।
जमीन चयनित की गई और निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया गया। इसके बाद शराब दुकान खोलने की प्रक्रिया को रोक दिया गया। अब ग्रामीण शराब दुकान खोले जाने में हो रही देरी के खिलाफ चक्काजाम कर चुनाव बहिष्कार की धमकी दी। गांव के सैकड़ों लोगों ने गुरुवार को कामधाम बंद कर दिया और चौपाल लगाकर हंगामा करने लगे।
ग्राम करहीभदर के सैकड़ों ग्रामीण शराब दुकान मामले को लेकर कलेक्टोरेट जाने वाले थे, लेकिन SDM ने खुद गांव आने की बात कही, तो ग्रामीण गांव में ही रुके रहे। आबकारी विभाग ने पहले शराब दुकान खोलने का आदेश दिया, फिर अचानक स्टे लगा दिया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस-प्रशासन के अधिकारी शराब कोचियों से महीना वसूलते हैं।
ग्रामीणों के हंगामे की खबर सुनकर तहसीलदार दीपिका देहारी, सिटी कोतवाली प्रभारी रवि पांडेय, बालोद एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी और आबकारी उप निरीक्षक आशाराम शाक्य मौके पर पहुंचे। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। उन्होंने जल्द गांव में शराब दुकान खोले जाने का आश्वासन दिया।