Acn18.com/कोरबा से मनोज यादव, एक झोलाछाप चिकित्सक के लापरवाही के चलते दो साल का मासूम का बच्चा जिंदगी भर की विकलांगता से तो बच गया लेकिन उस डाॅक्टर के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई जिसने मासूम को गलत इंजेक्शन लगा दिया था। अपने बच्चे का उपचार कराने मासूम के पिता ने वाहन तक बेच दिया लेकिन कलेक्ट्रेट के आदेश के बाद भी डाॅक्टर के खिलाफ कार्रवाई न होना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
कोरबा के साथ ही प्रदेश के अलग अलग जिलों में झोलाछाप चिकित्सकों के कारण लोगों की जान खतरे में पड़ने की खबरे समय समय पर सामने आते रहती है लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में ऐसे चिकित्सकों की सक्रियता कम होने का नाम नहीं ले रही। ऐसा ही कुछ कोरबा के लक्ष्मण बन तालाब निवासी गप्पु श्रीवास के साथ भी हुआ था जिसने साल भर पूर्व अपने दो वर्षीय मासूम बच्चे का उपचार पुरानी बस्ती निवासी झोलाछाप डाॅक्टर बी.आर.साहू से करवाया था। गलत इंजेक्शन लगाने के कारण मासूम का बांया पैर कमजोर हो गया था और वो लंगड़ाने लगा था। स्थानीय स्तर पर ईलाज कराने के बाद जब राहत नहीं मिली तग गप्पू ने अपने वाहन को बेचकर बच्चे को जिंदगी भर की विकलांगता से आजाद कराया। मासूम का पैर तो ठीक हो गया लेकिन झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई के लिए गप्पू ने कलेक्टर को पत्र लिखा था जहां से कार्रवाई के लिए पीएचसी कोरबा को आदेश भी दिया गया था बावजूद इसके चिकित्सक के खिलाफ अब तक किसी तरह की कार्रवाई संभव नहीं हो सकी है। पीड़ित गप्पु श्रीवास चाहता है,कि या तो उसे क्षतिपूर्ती की राशि मिले या फिर झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई हो।