Acn18.com/कोरबा के राताखार वार्ड निवासी रामसिया तिवारी ने यह कभी सपने में भी नहीं सोचा था,कि अपनी जिस बेटी को उपचार के लिए वह मेडिकल काॅलेज जिला अस्पताल ले जा रहा है वहां उसकी बेटी जिंदा नहीं बल्की मुर्दा लौटेगी। सीने व पेट में दर्द की शिकायत पर प्राथमिकी उपचार के लिए पिता अपनी बेटी को मेडिकल काॅलेज जिला अस्पताल में भर्ती कराया। उसने सोचा कि सेहत में थोड़ा सुधार हो जाए फिर वह उसे लेकर रायपुर चला जाएगा लेकिन चिकित्सकों की लापरवाही से पुत्री ममता तिवारी की मौत हो गई।
कोरबा के मेडिकल काॅलेज जिला अस्पताल में बदहवास हालत में मौजूद इस शख्स का नाम रामसिया तिवारी है। राताखार वार्ड निवासी रामसिया ने यह कभी सपने में भी नहीं सोचा था,कि जिस पुत्री को वह लाल जोड़े में घर से विदा करेगा उसी पुत्री के शव को उसे कफन में लिपटा हुआ देखना पड़ेगा। सीने और पेट में दर्द उठने पर रमसिया ने अपनी बीस वर्षीय पुत्री ममता को मेडिकल काॅलेज जिला अस्पताल यह सोचकर लाया था,कि तात्कालिक रुप से उपचार मिलने के बाद उसकी सेहत सही हो जाएगी,जिसके बाद वह उसे बेहतर ईलाज के लिए रायपुर ले जाएगा,लेकिन यहां के चिकित्सकों ने ममता के उपचार में इस कदर लापरवाही बरती,कि सेहत सुधरने के बजाए बिगड़ते चली गई और अंत में उसकी मौत हो गई। बेटी की असम मौत से पिता व्याकुल हो गया और अस्प्ताल में ही हंगामा करने लगा। पिता ने अस्पताल प्रबंधन पर बेटी के उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है जिसके कारण आज वह उसके साथ नहीं है।
मेडिकल काॅलेज जिला अस्पताल में इससे पहले भी कई बार चिकित्सकों की लापरवाही से हंसते खेलते लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे मामलों में प्रबंधन को गंभीरता दिखाने की जरुरत है ताकी किसी की बेमौत न हो सके।