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अयोध्या राममंदिर के फर्स्ट फ्लोर की लेटेस्ट तस्वीरें:खंभों के साथ मंदिर के गुंबदों का हो रहा निर्माण, पिंक सैंड स्टोन के पत्थर से बनाई जा रही डिजाइन

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Acn18.com/अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की चार नई तस्वीरें सामने आई है। ये फर्स्ट फ्लोर की हैं। इसमें मंदिर के निर्माण कार्य को दिखाया गया है। ग्राउंड फ्लोर बनने के बाद ट्रस्ट की देख-रेख बनाया जा रहा है। अब आसपास के लोग मंदिर का दर्शन छत से कर रहे हैं। फर्स्ट फ्लोर के खंभों के साथ मंदिर के गुंबदों का निर्माण हो रहा है। निर्माण में राजस्थान और कर्नाटक के पत्थर लगाए जा रहे हैं। मंदिर निर्माण में डिजाइन के लिए पिंक सैंड स्टोन लगाए गए हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने तस्वीरों को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा-श्री राम मंदिर निर्माण कार्य प्रगति के कुछ छायाचित्र। जय श्री राम!

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15 से 24 जनवरी के बीच होगी प्राण-प्रतिष्ठा

16 जुलाई को चंपत राय ने कहा था कि राम मंदिर में 5 साल के भगवान राम के बालक रूप की मूर्ति लगेगी। गर्भ गृह में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा 15 से 24 जनवरी 2024 के बीच किसी एक दिन की जाएगी। इसी साल, अक्टूबर तक मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के काम पूरे कर लिए जाएंगे। फिर सिर्फ फिनिशिंग टच बचेगा। वह दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि ग्राउंड फ्लोर पर प्रभु श्रीराम पूरे परिवार के साथ विराजेंगे। अभी तक की योजना में सेकेंड फ्लोर में किसी भी प्रतिमा को स्थापित नहीं किया जाएगा। वह केवल मंदिर को ऊंचाई देने के लिए बनाया जाएगा। फिलहाल, अभी तक मंदिर निर्माण में 21 लाख घन फीट ग्रेनाइट, सैंड स्टोन और मार्बल का इस्तेमाल हो रहा है।

8 एकड़ में बनाया जा रहा परकोटा

ग्राउंड फ्लोर का छत बनने के बाद फर्स्ट फ्लोर के ऊपर खंभा बनाया जा रहा है। फर्स्ट फ्लोर पर ही राम दरबार बनाया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर के गर्भगृह में रामलला अपने चारों भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजमान होंगे।मंदिर के बाहर 8 एकड़ में परकोटा बनाया जा रहा है, जिसका आकार 800 गुणा 800 मीटर है। गर्भगृह के बाहर मंडप की नक्काशी की जा रही है।

400 लोग एक साथ रामलला के सामने कर सकेंगे दर्शन

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया, साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पहली चैत्र राम नवमी पर सूर्य की किरण भगवान के ललाट पर पड़ेगी। इसकी व्यवस्था की जा रही है।300 से 400 लोग एक साथ राम लला के दर्शन कर सकते हैं।

राम मंदिर के पहले तक का ढांचा बनकर तैयार हो चुका है। अब केवल इसके फर्श,प्रकाश और सजावट का काम हो रहा है। मंदिर के सामने के पांच मंडपों से जुड़े 160 खंभों पर मूर्तियों को उकेरने का काम कारीगर कर रहे हैं। यह खंभें पिंक सैंड स्टोन की हैं। जबकि 6 खंभे गर्भगृह में लगे हैं जो कि श्वेतर संगमरमर के हैं।राम मंदिर में कुल 3 प्रकार के पत्थर लगाए जा रहे हैं। इनमें पिंक सैंड स्टोन,श्वेत संगमरमर और ग्रेनाईट। इन सभी पत्थरों की गुणवत्ता की कई स्तरों पर जांच के बाद बेहतर से बेहतर पत्थरों को लगाने की अनुमति ट्रस्ट दिया है।

हर एक पिलर में 20 से 24 मूर्तियां उकेरी जा रही

आर्किटेक्ट इंजीनियर अंकुर जैन ने के अनुसार हर खंभे को 3 पार्ट में बांटा गया है। हर एक पिलर में 20 से 24 मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। ऊपरी हिस्से में 8 से 12 मूर्तियां बनाई जा रही हैं। बीच के हिस्से में 4 से 8 मूर्ति और नीचे के हिस्से में 4 से 6 मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। एक कारीगर को एक पिलर पर मूर्ति बनाने में करीब 200 दिन लगते हैं।

मंदिर की चौखट मार्बल, किवाड़ महाराष्ट्र के सागौन की

चंपत राय ने बताया,” राम मंदिर की चौखट मार्बल की है। जबकि किवाड़ महाराष्ट्र की सागौन लकड़ी के हैं। उन पर नक्काशी का काम भी शुरू हो चुका है। मंदिर का एक-एक आयाम, एक-एक अंग इस प्रकार से बनाया जा रहा है। 1 हजार साल तक कुछ भी नहीं होगा। यहां तक कि रिपेयरिंग की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। ”राम मंदिर के भूतल का 90% काम पूरा हो गया है। इसमें 166 खंभे बनाए गए हैं। अब इन खंभों में 4500 से ज्यादा मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। इसमें त्रेता युग की झलक दिखाई देगी। इसके लिए केरल-राजस्थान से 40 कारीगर बुलाए गए हैं।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया, ग्राउंड फ्लोर में पांच मंडप हैं। मंडप राम मंदिर के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगा। मुख्य मंडप से भगवान की पताका फहराएंगे। ग्राउंड फ्लोर का ढांचा बनकर तैयार है।मंदिर के गर्भगृह की दीवार और छत बन चुकी है। फर्श और बाहर का काम बाकी है।मंदिर के ग्राउंड फ्लोर में 166 खंभों पर मूर्तियों को उकेरने का काम चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह में लगे 6 खंभे सफेद संगमरमर के हैं, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंडस्टोन से बनाए गए हैं।

राम नवमी पर होगा भगवान का जन्म उत्सव

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया, साल 2024 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी के दिन भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। राम जन्म के समय ठीक दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरणें कुछ देर के लिए रामलला की मूर्ति पर पड़ेंगी।इससे जन्म के समय रामलला का दर्शन बहुत ही दिव्य और भव्य होगा। खगोल शास्त्र के लोग इसे लेकर काम कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के जन्म के समय बहुत तेज धूप होती है। इसके साथ मंद ,शीतल हवाएं सरयू के जल को स्पर्श करते हुए भगवान के पास पहुंचती हैं। सरयू में लहरें तेज हो जाती हैं।

25 हजार यात्रियों के लिए बनेगी धर्मशाला और होटल राम मंदिर ट्र्स्ट के चंपत राय ने बताया, ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के बाद भक्तों की संभावित भीड़ को देखते हुए मंदिर व आसपास यात्री सुविधाओं का निर्माण शुरू कर दिया है। इसमें होटल, रेस्तरां, डोरमेट्री और धर्मशाला बनाई जाएगी।25 हजार यात्रियों के ठहरने और सुविधाओं से जुड़े केंद्र का निर्माण चल रहा है। रामलला तक पहुंचने के लिए 700 मीटर लंबा रास्ताहै। इस रास्ते पर फीनिशिंग चल रही है।

राम मंदिर में 5 साल के श्रीराम की मूर्ति लगेगी

अयोध्या के राम मंदिर में 5 साल के भगवान राम के बालक रूप की मूर्ति लगेगी। गर्भ गृह में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा 15 से 24 जनवरी 2024 के बीच किसी एक दिन की जाएगी। इसी साल, अक्टूबर तक मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के काम पूरे कर लिए जाएंगे। फिर सिर्फ फिनिशिंग टच बचेगा। वह दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। ये बातें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को कहीं।

उन्होंने कहा- ग्राउंड फ्लोर पर प्रभु श्रीराम पूरे परिवार के साथ विराजेंगे। अभी तक की योजना में सेकंड फ्लोर में किसी भी प्रतिमा को स्थापित नहीं किया जाएगा। वह केवल मंदिर को ऊंचाई देने के लिए बनाया जाएगा। फिलहाल, अभी तक मंदिर निर्माण में 21 लाख घन फीट ग्रेनाइट, सैंड स्टोन और मार्बल का इस्तेमाल हो रहा है।

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