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57 साल बाद सावन सोमवार और सोमवती अमावस्या का योग:प्रोटोकॉल दर्शन और नंदी हॉल बंद, अब तक 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए

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Acn18.com/आज सावन का दूसरा सोमवार है। इस दिन सोमवती अमावस्या भी है। 57 साल बाद ऐसा संयोग बना है, जब श्रावण माह के सोमवार के दिन सोमवती हरियाली अमावस्या पड़ी है। इससे पहले यह योग 1966 में बना था। महाकालेश्वर मंदिर के पट रात 2:30 बजे खोल दिए गए। सुबह 10 बजे तक 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। शाम तक 4 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

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श्रद्धालु शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु तड़के होने वाली भस्म आरती में शामिल होने पहुंचे। भीड़ अधिक होने की वजह से प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था को पूरी तरह से बंद किया गया है। नंदी हॉल को भी बंद कर दिया है। शाम 4 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। इस दिन महाकाल चंद्रमौलेश्वर के रूप में दर्शन देंगे।

उधर, महेश्वर में बाबा ओंकार का फूलों और हल्दी से भव्य श्रृंगार किया गया। जबलपुर में संस्कार कांवड़ यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे इस कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। भोले बाबा की कृपा सभी पर बनी रहे। बोल कांवड़िया, बोल बम – बम…।

भांग, चंदन, सूखे मेवों से दिव्य श्रृंगार

सावन के दूसरे सोमवार को अल सुबह जल से बाबा महाकाल काे स्नान कराया। दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया। भांग, चंदन, सूखे मेवों से दिव्य श्रृंगार किया गया। इसके बाद भस्म अर्पित की गई। रजत का त्रिपुंड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित कर शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ फूलों की माला भी धारण कराई। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।

रात 1 बजे से लगने लगी लाइन

महाकाल मंदिर में दो महीने तक चलने वाले महा उत्सव के दूसरे सोमवार को बड़ी संख्या में दर्शनों के लिए रात 1 बजे से लाइन लगना शुरू हो गई थी। महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि दूसरे सोमवार के दिन भी पहले की तरह व्यवस्था रहेगी। सोमवती अमवस्या होने के चलते 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इस दौरान भक्तों को 40 मिनट में भक्तों को दर्शन मिल सकेंगे। सोमतीर्थ कुंड पर श्रद्धालुओं को लिए फव्वारे लगाए हैं। अमावस्या पर्व और महाकाल की सवारी पर भीड़ प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण होगा।

57 वर्ष बाद विशेष संयोग

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार 17 जुलाई सोमवार को विशेष संयोग में सोमवती हरियाली अमावस्या का पुण्य काल आ रहा है। इसी दिन महाकाल की सवारी भी है। इससे पहले यह स्थिति 1966 में बनी थी। तब भी सावन महीने में अधिक मास के दौरान सोमवार को अमावस्या का योग बना था। पौराणिक मान्यताओं व शास्त्रीय गणना के अनुसार इस योग-संयोग में सोमवती हरियाली अमावस्या का होना साधना, उपासना, दान और ग्रहों की अनुकूलता के लिए श्रेष्ठ समय माना जाता है।

सोम तीर्थ व शिप्रा में स्नान के लिए पहुंचे भक्त

स्कंद पुराण के अवंतिखंड में सोमेश्वर तीर्थ की पारंपरिक मान्यता है। सोमवार के दिन अमावस्या आने पर यहां सोमेश्वर का पूजन किया जाता है। स्नान की परंपरा और दान की मान्यता बताई गई है। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में भी सोमवती अमावस्या पर प्रदेश भर से श्रद्धालु अल सुबह से ही स्नान के लिए पहुंचने लगे हैं।

एक लोटा जल अर्पित कर मुराद पूरी होगी

पंडित महेश पुजारी ने बताया कि सावन महीने में महाकाल भगवान को एक लोटा जल और बिल्वपत्र चढ़ाने से मन की मुराद पूरी होती है। सावन महीने में भगवान महाकाल की आराधना जप और तप का महीना होता है। महाकालेश्वर मंदिर में पांच आरती होती हैं, जिसमें भस्म आरती सबसे खास होती है। दक्षिण मुखी होने के चलते महाकाल भगवान का अलग महत्व है। सावन महीने के शेष सात सावन के सोमवार और भादौ महीने के दो सोमवार बाबा महाकाल राजसी ठाट बाठ से राजा स्वरूप में भक्तों का हाल जानने निकलेंगे।

मंदिर के लिए यहां से प्रवेश करें भक्त

इस बार सावन महीने में महाकाल मंदिर में भक्तों को सुबह करीब 4 बजे से प्रवेश मिलने लगेगा। चलित भस्म आरती में आने वाले श्रद्धालुओं को कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करने के मौका मिलेगा। सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक लगातार दर्शनों का सिलसिला जारी रहेगा।

दूसरी सवारी 17 जुलाई, शाही सवारी 11 सितंबर को

  • दूसरी: 17 जुलाई
  • तीसरी: 24 जुलाई
  • चौथी: 31 जुलाई
  • पांचवीं: 7 अगस्त
  • छठी: 14 अगस्त
  • सातवीं: 21 अगस्त
  • आठवीं: 28 अगस्त
  • नौवीं: 4 सितंबर
  • 10वीं शाही सवारी: 11 सितंबर
  • डायवर्जन प्लान/प्रतिबंधित मार्ग

    • बड़नगर, रतलाम, नागदा, मंदसौर व नीमच जाने वाले बड़े वाहन व बसें शांति पैलेस चौराहे से डायवर्ट रहेंगे।
    • देवास गेट बस स्टैण्ड से भारी वाहन व बसें हरिफाटक व हरिफाटक चौराहे तरफ नहीं जा सकेंगे।
    • चार पहिया वाहन हरिफाटक टी से बेगमबाग, कोट मोहल्ला व गोपाल मंदिर तरफ नहीं जा सकेंगे।
    • चार पहिया वाहन दौलतगंज चौराहे से कोट मोहल्ला तरफ, तेलीवाड़ा चौराहे से दानीगेट तरफ, कार्तिक चौक से हरसिद्धी पाल तरफ नहीं जा सकेंगे।

    वीआईपी मार्ग (समस्त प्रोटोकॉल)

    वीआईपी/ प्रोटोकॉल के वाहन तीन बत्ती चौराहा से चामुण्डा माता चौराह देवास गेट, गदापुलिया, हरिफाटक टी. बेगमबाग से सीमेटेंड मार्ग होकर भारत माता मंदिर पार्किंग में जा सकेंगे।

    इमरजेंसी प्लान

    यदि अंदर की सभी पार्किंग भर जाती हैं, तो इंदौर, देवास की ओर से आने वाले वाहनों की इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान में खड़ा कराया जाएगा। इंजीनियरिंग कॉलेज पार्किंग की पार्किंग भर जाने पर इन्दौर से आने वाले वाहनों की प्रशांतिधाम चौराहा के पास मैदान में पार्किंग कराया जाएगा।

    इमरजेंसी में एम्बुलेंस यहां मिलेगी

    सवारी के दौरान कोट मोहल्ला, गणगौर दरवाजा, चारधाम मंदिर, छत्री चौक, कमरी मार्ग, केडी गेट की ओर स्वास्थ्य विभाग की एक-एक एम्बुलेंस तैनात रहेगी। इसी तरह, महाकाल मंदिर, महाकाल लोक, चारधाम मन्दिर पर एक-एक टीम तैनात रहेगी। कलेक्टर ने कहा कि मेडिकल टीम का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम होना चाहिए।

    इन निर्देशों को भी जानें

    • सवारी मार्ग में चॉकलेट, केले, शरबत रहेगा प्रतिबंधित।
    • भजन व झांझ मंडलियां निरंतर चलायमान रहेंगी।
    • सवारी लौटने के दौरान मन्दिर में अनावश्यक लोग एक साथ प्रवेश न करें।

    लाइव दर्शन भी कर सकेंगे

    मंदिर प्रबंध समिति द्वारा समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in व फेसबुक पेज पर भगवान की आरती और दिन भर दर्शन के साथ सवारी का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जाएगा, जिससे उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बाबा श्री महाकाल के दर्शन व सवारी के सीधे प्रसारण का लाभ घर पर ही प्राप्त कर सकेंगे।

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