Acn18.com/सावन का महीना भगवान भोले शंकर को अत्यंत प्रिय है। सावन के महीने में भगवान शंकर को मनाने सभी श्रद्धालु लग जाते है। कोरबा के ग्राम कनकी सिथत कनकेश्वर महादेव मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रबंधन ने यहां पर कई व्यवस्थाएं की थी।
जिला मुख्यालय कोरबा से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कनकी का कनकेश्वर महादेव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। भगवान शंकर को समर्पित इस मंदिर में सावन के महीने में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ती है ।सावन के दूसरे सोमवार और हरेली के दिन यहां पर सैकड़ों भक्तों ने जलाभिषेक किया। इस दौरान पूरा परिसर भोले शंकर के जयकारे से गूंज उठा।
मंदिर की व्यवस्था का काम देख रहे युवा संगठन सेवा समिति के पदाधिकारी ने बताया कि यह मंदिर बहुत पुराना है और यहां मांगी गई हर मन्नत पूर्ण होती है ।यही कारण है कि यहां साल दर साल भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है । यहां पहुंचने वाले लोगों को असुविधाओं का सामना ना करना पड़े इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
कोरबा का कनकेश्वर महादेव की ख्याति दूर दूर तक फैली है। मान्यता है, कि एक गाय रोज यहां आकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाती थी. एक दिन गाय को ग्वाले ने ऐसा करते देख लिया. गुस्से में उसने जहां दूध गिर रहा था वहां डंडे से प्रहार कर दिया. जैसे ही उसने डंडा मारा कुछ टूटने की आवाज आई और कनकी (चावल के टुकड़े) के दाने वहां बिखर गए. उस जगह की सफाई करने पर वहां एक टूटा हुआ शिवलिंग मिला. बाद में इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया गया, शिवलिंग के पास कनकी दाने पड़े होने के कारण मंदिर का नाम कनकेश्वर महादेव रखा गया।