Acn18.com/जांजगीर जिले के ग्राम झपेली निवासी सीताराम कश्यप को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलौदा में पेट दर्द का इलाज इतना महंगा साबित हुआ कि उसे अपना एक पैर ही कटवाना पड़ गया। स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से यह व्यक्ति अब दिव्यांग हो चला है, लेकिन इन सब के बाद ही खंड चिकित्सा अधिकारी अपनी गलती स्वीकार करने को राजी नहीं है, देखिए क्या है पूरा मामला।
जांजगीर जिले के बलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों की लापरवाही के कारण एक व्यक्ति को अपना एक पैर ही कटवाना पड़ गया। 20 जून को झपेली निवासी सीताराम कश्यप को परिजनों ने पेट दर्द होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलौदा में भर्ती कराया था। ठीक बाजू वाले बेड पर सर्पदंश के शिकार एक अन्य व्यक्ति को भी भर्ती किया गया था। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने यहां घोर लापरवाही का परिचय दिया और सीताराम कश्यप को एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगा दिया। जिसके कारण उसका एक पैर सुन्न हो गया। मरीज की गंभीर होती दशा को देख अपना पल्ला झाड़ने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों ने सीताराम को जिला अस्पताल रेफर कर दिया, जहां से उसे बिलासपुर भेज दिया गया । सीताराम की हालत में सुधार नहीं आने पर परिजनों ने उसे रायपुर राम केयर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने परीक्षण उपरांत बताया कि एंटी स्नेक वेनम के कारण सीताराम का एक पैर सुन्न हो गया है। जिसे जल्द काटा नहीं गया तो जहर पूरे शरीर में फैल जाएगा।जिसके कारण सीताराम को अपनी जिंदगी बचाने के लिए अपना एक पैर कटवाना पड़ा। इस गंभीर मामले को लेकर परिजनों ने सीधे तौर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
बलौदाबाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों के बारे में जब खंड चिकित्सा अधिकारी यूके तिवारी से संपर्क किया गया। तब उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से परहेज किया।
बहरहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों की लापरवाही के कारण अब एक व्यक्ति जीवन भर दूसरों के सहारे पर आश्रित हो गया है । देखना होगा कि इस मामले में स्वास्थ विभाग क्या कार्रवाई करता है।