नक्सली​​​​​​​ समर्थक पूरे बस्तर में गुलाबी नोट बदलने निकले:नक्सलियों के पास दो हजार वाले नोट सबसे ज्यादा, इसी माह 13 लाख जब्त

Acn18.com/2 हजार रुपए वाले नोटों की जमाखोरी के मामले में बस्तर के नक्सली सबसे आगे हैं। जैसे ही 2 हजार की नोटबंदी की घोषणा हुई थी, उसके कुछ दिन बाद ही पुलिस के पास इनपुट था कि नक्सली बड़ी संख्या में इन नोटों को बदलवा सकते हैं। इसके बाद जुलाई में बस्तर से गढ़चिरौली (महाराष्ट्र बार्डर) तक बैंकों और ग्रामीण बाजारों में तैनात फोर्स अब तक आधा दर्जन से ज्यादा नक्सल समर्थकों को 2 हजार रुपए के नोटों के साथ पकड़ चुकी है।

इस दौरान 13 लाख रुपए से ज्यादा के गुलाबी नोट फोर्स ने जब्त किए हैं। इसके अलावा इन्हीं पकड़े गए लोगों से 500 वाले तकरीबन 10 लाख रुपए के नोट मिल चुके हैं, जिनके बारे में फोर्स का कहना है कि ये भी 2 हजार वाले नोटों को बदलकर हासिल किए गए थे। अफसरों के मुताबिक अॉपरेशन मानसून के दौरान जंगलों में लगातार सर्चिंग की वजह से नक्सलियों को 2000 के नोट बाहर निकालने में भी दिक्कतें आ रही हैं।

बीजापुर में मिले नोटों का संबंध बड़े नक्सली कमांडरों से

  • दंतेवाड़ा में नक्सली कमांडर मल्लेश के दो-दो हजार के नोट बदलवाने के दौरान तीन लोगों को पकड़ा गया। इनके पास से 1.08 लाख रुपए के नोट बरामद हुए।
  • बीजापुर पुलिस ने ट्रैक्टर खरीदने आए युवक को गिरफ्तार कर 10 लाख रु. जब्त किए, जो दो-दो हजार के नोट थे। जांच में पता चला कि पैसे नक्सलियों के हैं।
  • 1 जुलाई को दो-दो हजार के 80 नोट दो पासबुक और तीन दवा पर्चियां पकड़ी गईं। अावापल्ली में जांच के दौरान ये पैसे पकड़ में आए थे।
  • एलओएस कमांडर शंकर और नेंड्रा आरपीसी अध्यक्ष हड़मा कोहरामी ने बैंक खातों में जमा करने 9 लाख रु. दिए थे। 29 जून को इसमें से 6.20 लाख रु. पकड़े।

सबसे ज्यादा नोट बीजापुर जिले से
दो-तीन हफ्ते में 2-2 हजार वाले नोट बीजापुर में काफी संख्या में पकड़े गए हैं। फोर्स का दावा है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में से बीजापुर में ही सबसे ज्यादा गुलाबी नोट पकड़े गए हैं। इसके अलावा, सुकमा और दंतेवाड़ा में भी दो-दो हजार रुपए के नोट मिले हैं। पुलिस के पास इनपुट है कि दो हजार वाले जितने भी नोट नक्सल प्रभावित गांवों के बैंकों या बाजारों में अा रहे हैं, ज्यादातर नक्सली कमांडरों के हैं।

ऑपरेशन मानसून का हिस्सा
आला अफसरों ने बताया कि हर साल बारिश में फोर्स जंगलों में ऑपरेशन मानसून चलाती है। इस बार भी जंगलों में सर्चिंग चल रही है, लेकिन बड़े नोटों को जब्त करने के मामले में अलग टीमें लगी हैं। इसका कारण यह है कि नक्सली कमांडरों को नोट बदलने का मौका तभी तक रहेगा। फोर्स चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा नोटों को पकड़ा जाए, ताकि नक्सल संगठनों को आर्थिक झटका लगे और संसाधनों में थोड़ी कमी आए।

नक्सलियों का शहीदी सप्ताह, जंगलों में फोर्स के साथ बढ़ेगा टकराव
नक्सलियों ने बस्तर में 12 जुलाई यानी बुधवार से शहीदी सप्ताह मनाना शुरू कर दिया है, जो 19 जुलाई तक चलेगा। इधर, फोर्स ने भी ऑपरेशन मानसून के कारण जंगलों में सर्चिंग बढ़ा दी है। सुकमा और बीजापुर के सरहदी इलाके में पिछले 48 घंटे से ऑपरेशन मानसून चल रहा है। मंगलवार को फोर्स ने घंटों चली मुठभेड़ों के बाद दो कैंप ध्वस्त किए हैं। हालांकि शहीदी सप्ताह की वजह से बस्तर में प्रशासन भी सतर्क है। केके लाइन पर किरंदुल से जगदलपुर तक पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को एक हफ्ते तक कैंसिल रखा गया है। कुल मिलाकर, सावधानी के बीच फोर्स थोड़ी आक्रामक है, इस वजह से अगले सात दिन तक जंगलों में फोर्स और नक्सलियों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है।