Acn18.com/कोरिया जिले के अमृत धारा जलप्रपात को पर्यटन स्थल के रूप में सही पहचान नहीं मिल पा रही है। जिला प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण यहां टूरिस्ट्स के लिए कोई सुविधा नहीं है। शौचालय और पीने के पानी के लिए बनाए गए प्लांट भी खंडहर में तब्दील हो रहे हैं।
6 साल पहले कोरिया जिले के तत्कालीन कलेक्टर एस प्रकाश ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास भी किए। अमृत धारा विकास समिति भी बनाई गई और पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कई सामानों की खरीदी भी गई। डीएमएफ से बड़ी राशि की स्वीकृति कर रोड, शौचालय, पीने के साफ पानी की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन देखरेख के अभाव में सभी बदहाली की कगार पर पहुंच गए हैं।
फिल्टर प्लांट खराब, धूल खा रहे शौचालय
अमृतधारा जलप्रपात के पास पीने के पानी के लिए फिल्टर प्लांट बनाया गया था, इसके अलावा ओवरहेड टैंक का भी निर्माण कराया गया था, लेकिन डीएमएफ की राशि से बना प्लांट खंडहर में तब्दील हो गया है। वहीं पानी की टंकी भी शो पीस बनकर कबाड़ हो रही है। पर्यटकों के लिए बनाया गया शौचालय भी धूल खा रहा है।
पुलिस सहायता केंद्र भी अक्सर बंद
बरसात के समय सभी जलप्रपात के नजारे मनमोहक हो जाते हैं, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं, लेकिन ऐसी जगहों पर अनहोनी नहीं हो, इसके लिए सुरक्षा-व्यवस्था भी की जाती है, अमृतधारा के पास भी पुलिस सहायता केंद्र तो खोला गया, लेकिन यह अक्सर बंद ही रहता है। केंद्र में भी ताला ही जड़ा दिखता है। दूरदराज से आने वाले पर्यटक यहां अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
हसदेव नदी पर है जलप्रपात, अमृतधारा महोत्सव भी हुआ
अमृतधारा वाटरफॉल हसदेव नदी पर बना हुआ है, जो मनेंद्रगढ़ से 30 किलोमीटर और चिरमिरी से 50 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां अमृतधारा महोत्सव का भी आयोजन किया गया था, लेकिन बावजूद इसके पर्यटकों के लिए खास इंतजाम नहीं हैं और जो इंतजाम किए गए हैं, वह भी उदासीन रवैये की मार झेल रहे हैं।