Acn18.com/बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को राष्ट्रीय कार्यसमिति में फेरबदल किया है। नई सूची में छत्तीसगढ़ के दो वरिष्ठ नेता धरम लाल कौशिक और विष्णु देव साय का नाम है। छत्तीसगढ समेत पांच राज्यों में इस साल के आखिरी तक में विधानसभा चुनाव है। जिसको लेकर बीजेपी एक्शन मूड में काम कर रही है।
दरअसल पिछले दो महीने से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर लगातार शीर्ष स्तर पर मैराथन बैठक ले रहे हैं। इसलिए संगठन में ये बदलाव हुआ है।
नई जिम्मेदारी मिलने के बाद धरमलाल कौशिक ने कहा, मैं अपने प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं। हमारा एक ही मिशन है साल 2023 में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनाना और इस जवाबदारी को हम पूरी तरह से निभाने में जुटे हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष के पद से हटने के बाद मैं एक भी दिन खाली नहीं बैठा। लगातार मुझे जो भी जिम्मेदारियां दी गई उसे मैंने पूरी किया।
आदिवासी और ओबीसी वर्ग के नेताओं पर भरोसा
भाजपा की राष्ट्रीय टीम इस बार छत्तीसगढ़ में फोकस बनाई हुई है। यही वजह है कि प्रदेश के आदिवासी और ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ नेताओं को राष्ट्रीय टीम में जगह दी गई है। वैष्णो देवी सहाय केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं आदिवासी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं दूसरी तरफ धरमलाल कौशिक ओबीसी वर्ग के भाजपा में बड़े नेता हैं विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
जानिए दोनों नेताओं के बारे में जिन्हें राष्ट्रीय टीम में मिली जगह
विष्णुदेव साय बीजेपी के दिग्गज नेता हैं। जशपुर जिले के किसान परिवार से साय ने राजनीति में लंबी छलांग लगाई है। 16वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। भारत सरकार के इस्पात और खान राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वहीं अगस्त 2022 से पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। लेकिन चुनाव को सामने देखते हुए पार्टी ने विष्णुदेव साय को हटाकर सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। पिछले साल साय को बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया था।
धरमलाल कौशिक बिलासपुर जिले के बिल्हा क्षेत्र से विधायक हैं। वह 2008 से 2013 के दौरान विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ओबीसी वर्ग से आने वाले कौशिक 2013 में चुनाव हार गए थे, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इस बार वह फिर से बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।