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नींव हिलने के कारण गिरी तीन मंजिला इमारत:ज्यादा खुदाई बनी हादसे की वजह, एक्सपर्ट ने कहा-लेआउट बनाने में भी लापरवाही हुई

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Acn18.com/बिलासपुर में 3 मंजिला बिल्डिंग गिरने की मुख्य वजह की जांच और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। माना जा रहा है कि नाले का कलवर्ट बनाने के लिए बीच सड़क और उसके दोनों किनारे करीब 10 फीट गड्‌डे की खुदाई की गई है। इसके चलते पुरानी भवन की नींव हिल गई और पूरी बिल्डिंग गिर गई। इस घटना का सीसीटीवी VIDEO भी सामने आया है, जिसमें चंद सेकंड में भवन भराभर कर गिरती हुई दिखाई दे रही है।

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शनिवार सुबह सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगला चौक के पास यहा हादसा हुआ था। घटना सुबह करीब 6:15 बजे के आसपास की है। यहां एक तीन मंजिला बिल्डिंग अचानक गिर गया। भवन में मेडिकल स्टोर व ज्वेलरी की दुकान संचालित था। हालांकि, हादसे के वक्त वहां कोई नहीं था और दुकान बंद थी। इस वजह से किसी प्रकार की जन हानि नहीं हुई है।

अब जानिए कैसे हुआ हादसा….
दरअसल बिल्डिंग के ठीक नीचे नगर निगम के ठेकेदार द्वारा नाला निर्माण का कार्य किया जा रहा है। पिछले एक माह से यह काम चल रहा है। जिस जगह पर बिल्डिंग गिरी है, वह सड़क से लगी हुई। नाला को जोड़ने के लिए यहां बीच सड़क में कलवर्ट बनाने का काम चल रहा है, जिसके लिए करीब 10 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा गया है और दोनों तरफ से नाले को जोड़ने का काम किया जा रहा है।

इसके चलते भवन के एकदम साइड से 10 फीट गहरा गड्‌ढा हो गया है। इस हादसे पर सिविल इंजीनियर आकाश कुमार सिंह का कहना है कि भवन की नींव तीन से चार फीट रही होगी। उसके नीचे ज्यादा गहरी खुदाई से नींव हिल गई और यह हादसा हो गया होगा।

ठेकेदार ने नहीं दिया ध्यान
भवन मालिक राहुल गुप्ता ने बताया कि जब नाला निर्माण के लिए खुदाई की जा रही थी, तब उन्होंने ठेकेदार और उनके कर्मचारियों को गड्‌ढा ज्यादा गहरा होने की शिकायत की थी। लेकिन, उन्होंने कह दिया कि नाला बनाने के लिए जितनी जरूरत है। उतनी ही खुदाई की जा रही है। इससे उसके भवन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसलिए वे लोग निश्चिंत हो गए थे।

नींव की गहराई कम थी, निर्माण पर भी सवाल
प्रारंभिक रूप से नाला निर्माण के कारण ही व्यवसायिक बिल्डिंग का बेस कमजोर हुआ है। लेकिन, बिल्डिंग पुरानी और नींव कमजोर होने की वजह से भी यह हादसा हो सकता है। इसके लिए भी निगर निगम के इंजीनियर और अफसर दोषी हैं। क्योंकि, महज 800 से 900 स्केवयर फीट जमीन पर तीन मंजिला भवन बनाया गया, तब नक्शा पास करते समय उसकी नींव और निर्माण पर ध्यान देना चाहिए था। सवाल यह भी है कि इतनी कम जमीन पर बिना बेस तैयार किए, तीन मंजिला भवन बनाने की अनुमति कैसे दे दी गई।

एक्सपर्ट ने गिनाई ये खामियां

  • नाला निर्माण के दौरान प्रारंभिक रूप से स्टीमेट और ले-आउट बनाने में लापरवाही की गई है, जिसके कारण बिल्डिंग ढह गई।
  • नाला निर्माण में टेक्निकल फाल्ट भी है, जिसकी विशेषज्ञों से जांच करानी चाहिए, कि हादसा कैसे हो गया।
  • नाला निर्माण के दौरान बिल्डिंग के किनारे से गहरी खुदाई कर एक साइड से पूरी मिट्‌टी को निकाल दिया गया है, जिसके कारण बिल्डिंग के किनारे वाले कॉलम की फूटिंग के नीचे की मिट्‌टी का लेटरल स्टेबिलिटी डिस्टर्ब हो गया और बिल्डिंग ढह गई।
  • मिट्‌टी के लेटरल स्टेबलिटी डिस्टर्ब होने के कारण मिट्‌टी का बियरिंग स्ट्रैंथ कम हो गया, इस वजह से भी इमारत के किनारे वाले कॉलम का आइसुलेटेड सेटलपेंट हुआ और बिल्डिंग की छत पर एकतरफा भार हो गया, जिसके कारण बिल्डिंग का पूरा स्लैब एक तरफ झूक गया और बिल्डिंग ढह गई। मौके पर पहुंचे नगर निगम कमिश्नर को घेर कर नाराज लोगों ने मुआवजा देने की मांग।

निगम के अफसर और ठेकेदार की लापरवाही
इस बेतरतीब निर्माण के लिए नगर निगम के जोन कमिश्नर, इंजीनियर और ठेकेदार को दोषी माना जा रहा है। क्योंकि, जब नाला बनाने के लिए भवन से लगे हुए गहरी खुदाई की जा रही थी, तभी इसका ध्यान रखना था। भवन की इमारत और नींव पर गहरी खुदाई से लैंड स्लाइडिंग होने की आशंका पहले से थी। फिर भी किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया और यह हादसा हो गया।

तो हो सकता था गंभीर हादसा
खास बात यह है कि जिस समय यह हादसा हुआ, वहां कोई नहीं था। जिस जगह पर यह घटना हुई है और पूरा मलबा सड़क में गिरा है। वहां पूरे समय लोगों की आवाजाही बनी रहती है और वह व्यस्ततम इलाका है। ऐसे में अगर घटना सुबह 9 बजे के बाद या दोपहर में होती तो मलबे में दबने से कई लोगों की जाने जा सकती थी।

महापौर बोले- स्मार्ट सिटी की लापरवाही
महापौर रामशरण यादव का कहना है कि इस हादसे के लिए नगर निगम जिम्मेदार नहीं है। बल्कि, स्मार्ट सिटी की जिम्मेदारी है। दरअसल, शहर में जितने भी काम शहर के बीच 14 वार्ड में चल रहे हैं, वह स्मार्ट सिटी के हैं। इसमें सभी अधिकारी कर्मचारी ही होते हैं, जिसमें सांसद, विधायक, महापौर और पार्षद शामिल नहीं रहते। अधिकारी ही रहते हैं और उनकी मर्जी से ही काम होता है। यह संस्था लगातार अपनी मनमानी कर रही है। यह हादसा इसी का उदाहरण है। इसके लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

नाली निर्माण के दौरान मजदूर की हुई थी मौत
9 दिन पहले बिलासपुर में नगर निगम की नाली निर्माण के दौरान बड़ी घटना हो गई थी और करंट की चपेट में आकर एक मजदूर की मौत हो गई और दूसरा बुरी तरह झुलस गया था। यहां नाली बनाने के लिए खोदे गए गड्‌ढे के पानी को टुल्लू पंप से निकाला जा रहा था। उसी समय मजदूर वहां काम कर रहा था और उसका पैर बिजली तार को छू लिया, जिससे यह हादसा हो गया था।

इसमें ठेकेदार की लापरवाही भी सामने आई थी। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। यह घटना भी सिविल लाइन थाना क्षेत्र के उसी इलाके की है, जहां तीन मंजिला बिल्डिंग ढह गया है, जिसके जिम्मेदार तत्कालीन जोन कमिश्नर प्रवीण शुक्ला और इंजीनियर भीमेंद्र हैं।

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