Acn18.com/नियमितीकरण और वेतन विसंगति सहित 24 मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने अनिश्चितकाल तक हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है। हड़ताल की वजह से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर असर पड़ा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने वैकल्पिक प्रबंध किए हैं और इसके माध्यम से मरीजों को सुविधा दी जा रही है। कर्मचारियों के हड़ताल से लौटने तक इसी व्यवस्था को अमल में लिया जाता रहेगा।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा अपनी लंबित मांगों को लेकर ना केवल कोरबा बल्कि प्रदेश के सभी जिलों में हड़ताल की गई है। कर्मचारी इस बात से नाराज है कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के द्वारा अपने घोषणापत्र में नियमितीकरण से लेकर वेतन विसंगति दूर करने की बात कही गई थी उस पर कोई दिलचस्पी अभी तक नहीं दिखाई गई है। छत्तीसगढ़ की सत्ता संभालने के साडे 4 साल के बाद भी इस दिशा में सरकार गंभीरता का प्रदर्शन नहीं कर रही है।स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पेंशन और पुलिस कर्मचारियों की तरह 13 महीने का वेतन देने की बात भी की है इसे लेकर तानसेन चौराहे पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। कोरबा जिले के सीएमएचओ डॉ एसएन केसरी ने स्वीकार किया कि कर्मचारियों की हड़ताल से अस्पतालों की व्यवस्था पर काफी असर पड़ा है। फिलहाल रेगुलर कर्मचारियों के अलावा मेडिकल कॉलेज के छात्रों की मदद से अस्पतालों की सुविधा बेहतर करने की कोशिश की जा रही है।
दूसरी और हड़ताल पर गए हुए कर्मचारियों का कहना है कि उनके कारण से मरीजों को असुविधा हो रही है यह उनके संज्ञान में है लेकिन हमारी अपनी मांगों को लेकर सरकार उदासीन बनी है इसलिए यह सब करना पड़ रहा है।