Acn18.com/दुर्ग के राइस मिलर व्यापारी से फर्जी ईडी अफसर बनकर दो करोड़ रुपए कैश की ठगी करने का मामला पेचीदा होता जा रहा है। एक तरफ जहां दुर्ग पुलिस ने गैंग के 7 आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने लगभग 85 लाख रुपए कैश रिकवर कर लिया है। दो लोगों की तलाश जारी है।
दूसरी तरफ घटनास्थल का जो सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ है उसमें दो स्थानीय लोग संदिग्ध दिख रहे हैं। पुलिस का कहना है दोनों पार्थी हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर वो प्रार्थी हैं, तो घटनास्थल में क्या कर रहे थे और आरोपियों के साथ ही क्यों भागे?
दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के भिलाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का अफसर बनकर ठगी करने वाले सात आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपियों को मुंबई से छत्तीसगढ़ ट्रांजिट रिमांड में लाया जा रहा है। उनके पास से लगभग 85 लाख रुपए बरामद हुए हैं। ये पूरी मुंबई की गैंग है। इन लोगों ने इससे पहले भी गुजरात, बैंगलोर जैसी जगहों में ऐसे मामलों को अंजाम दे चुके हैं। दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि पुलिस के सामने आरोपियों को पकड़ने का बड़ा चैलेंज था।
इसके लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई थीं। दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर के मार्गदर्शन में टीमें महाराष्ट्र पहुंची। वहां आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करके टीम मुंबई पहुंची। वहां से सभी सात आरोपियों को पकड़ा गया। पूछताछ में एक आरोपी ने बताया कि, कारोबारी को घटना के कुछ दिन पहले मिलकर उसे विश्वास में लिया और एक बिजनेस में निवेश कर ज्यादा पैसे कमाने का लालच दिया गया। इसके बाद जैसे ही उसने कन्फर्म किया कि उसने 2 करोड़ रुपए कैश का इंतजाम कर लिया है और ऑफिस बुलाया। उन लोगों ने ईडी अफसर बनकर उसके यहां रेड मार दी।
ठगी के लिए इस्तेमाल काली स्कॉर्पियो भी जब्त
दुर्ग के पारख कॉम्प्लेक्स में चावल कारोबारी विनीत गुप्ता के ऑफिस में मंगलवार 27 जून की दोपहर काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी से छह लोग पहुंचे थे। उन्होंने अंदर घुसते ही ऑफिस का दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद कारोबारी को टैक्स चोरी का डर दिखाकर ऑफिस की तलाशी ली और लॉकर में रखे दो करोड़ रुपयों से भरा बैग लेकर कारोबारी को साथ लेकर उसी गाड़ी से भागे थे। पुलिस ने जब गाड़ी के नंबर से पता किया तो वो फर्जी निकला। पुलिस ने 7 आरोपियों के साथ ही उस गाड़ी को भी जब्त कर लिया है।
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे दो स्थानीय लोगों पर सवाल
घटनास्थल का जो सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ है। उसमें ईडी के अधिकारियों के आने से कुछ मिनट पहले से वहां भिलाई के दो स्थानीय लोग भी दिख रहे हैं। जैसे ही आरोपी रुपए से भरा बैग लेकर भागे वो दोनों संदेही भी वहां से चले गए। पुलिस ने संदेह के आधार पर अरविंद राय और कुंदन मिश्रा नाम के दो आरोपियों को पूछताछ के लिए भी बुलाया।
एसपी शलभ सिन्हा ने भी यह बात कही कि फुटेज में अरविंद राय दिख रहा है, लेकिन वो आरोपी नहीं है। उनका कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में जितने भी लोग दिखाई दें सभी को आरोपी नहीं बनाया जा सकता है। वहीं जब कांग्रेस नेता अरविंद राय से बात की गई तो उनका कहना है कि मैं वहां पर नहीं था। वो कोई दूसरा दिख रहा है। मैंने पूरा वीडियो देखा है, पुलिस को भी बता दिया है। मैं उसमें नहीं हूं। जिनके साथ घटना हुई है, मैं उनको बस जानता हूं और इस मामले में मेरा कोई लेना देना नहीं है।
राजनांदगांव में सोमनी टोल प्लाजा के पास उतारकर भागे थे आरोपी
पुलिस के मुताबिक शातिर ठग स्कॉर्पियो से राजनांदगांव के रास्ते महाराष्ट्र की ओर जाने लगे। चलती गाड़ी में ही कारोबारी से पूछताछ करते रहे। रास्ते में ही कारोबारी उसे छोड़ देने की मिन्नतें करता रहा। इसके बाद बदमाशों ने राजनांदगांव में सोमनी टोल प्लाजा के पास उसे उतार दिया और रुपयों से भरा बैग लेकर भाग निकले। इसके बाद किसी तरह से कारोबारी विनीत गुप्ता वापस शहर आए और थाने पहुंचे। फिर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।