Acn18.com/छत्तीसगढ़ में बस्तर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व (ITR) में तस्करों ने ढाई साल के बाघ का शिकार किया है। टाइगर को मारने के बाद उसके खाल को बेचने निकले 7 तस्करों को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। हालांकि, 2 तस्कर अभी फरार बताए जा रहे हैं। वन विभाग की टीम तस्करों से पूछताछ कर रही है। इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। मामला बीजापुर जिले के मद्देड़ बफर रेंज का है।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि, उन्हें टाइगर के शिकार करने की सूचना मिली थी। जिसके बाद बीजापुर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व, सामान्य वन मंडल और एंटीपोचिंग उदन्ति सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। जिन्होंने रुद्राराम से टाइगर की खाल के साथ 7 लोगों को पकड़ लिया। हालांकि, टीम के पहुंचने से पहले ही 2 तस्कर फरार हो गए।
पकड़ाए गए तस्करों में आरती दास, विक्रम ठाकुर, प्रीतम लाल साहू, तामेश्वर जैन, काका दीपक, मनोज कुरसम, किशोर दशराहिया, शामिल हैं। इनसे शिकार कब और कैसे किया गया था? खाल को किसे और कितने रुपए में बेचने वाले थे? इन बिंदुओं पर पूछताछ की जा रही है। जिसके बाद ही वन विभाग की टीम और खुलासा करेगी।
यह भी जानिए?
महाराष्ट्र-तेलंगाना से लगा इंद्रावती टाइगर रिजर्व करीब 2799.086 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। वन विभाग के अफसरों का कहना है कि, यहां बाघ के अलावा और भी कई वन्य जीव हैं। राजकीय पशु वन भैंसा, तेंदुआ, नीलगाय, भी बहुतायत में हैं। इंद्रावती टाइगर रिजर्व बाघों के रहवास के लिए काफी अनुकूल माना जाता है।यहां बाघ होने की पुष्टि हो चुकी थी।
शिकार के पहले भी आ चुके हैं मामले
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों का शिकार भी लगातार हो रहा है। तेंदुआ का शिकार कर खाल बेचना तो आम बात हो गई है। कुछ महीने पहले शिकारियों ने एक बाघ का शिकार किया था। बीजापुर-दंतेवाड़ा की पहाड़ी क्षेत्र से पुलिस ने कुछ तस्करों को भी पकड़ा था। उन्होंने इंद्रावती टाइगर रिजर्व में ही बाघ का शिकार किया था।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 8 रेंज, दिख चुके हैं टाइगर
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में कुल 8 रेंज हैं। टाइगर को ट्रैप करने के लिए इन इलाकों में कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से दो रेंज में लगाए गए कैमरों में अलग-अलग लोकेशन में कुछ महीनों पहले अलग-अलग तारीखों में 5 बाघ की तस्वीर कैद हुई थी। फिलहाल इसी के आधार पर 5 बाघ होने की पुष्टि हुई थी। उनका कहीं शिकार न हो जाए इसलिए लोकेशन सार्वजनिक नहीं किया गया था।