Acn18.com/विंग कमांडर वीके साहू को छत्तीसगढ़ एयर NCC का नया चीफ बनाया गया है। बतौर कमांडिंग ऑफिसर उन्होंने रायपुर एयर एनसीसी मुख्यालय में जॉइन किया। वीके साहू इसी एनसीसी यूनिट में कैडेट थे। एयर फोर्स में अफसर बनने के बाद भारतीय वायु सेना ने उन्हें भेजा है।
साहू ने कहा- मुझे मौका मिला है कि मैं अपनी जमीन पर आकर यहां के युवाओं को जागरूक कर सकूं, मेरा मकसद होगा ज्यादा से ज्यादा युवाओं को एयर एनसीसी से हम वायु सेना के बारे में बताएं। जो युवा एयरफोर्स में करियर बनाना चाहते हैं हम उन्हें हर तरह की गाइडेंस उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने एयर स्ट्राइक के बाद मशहूर हुए फाइटर पायलट अभिनंदन के साथ भी काम किया है, MP और बाद में छत्तीसगढ़ बनने के बाद अब तक 60 साल में पहली बार किसी कैडेट और CG के एयरफोर्स अफसर यहां कमांडिंग अफसर के पद पर पहुंचे हैं। अपने अब तक के अनुभव को विंग कमांडर साहू ने दैनिक भास्कर से साझा किया।
जब पहली बार उड़ाया फाइटर जेट
विंग कमांडर साहू ने बताया कि ट्रेनिंग के बाद जब मौका आया आसमान में उड़ान भरने का वह दिन काफी एक्साइटमेंट भरा था। एक मुहावरा होता है पैरों तले जमीन खिसकना.. मैंने इस मुहावरे को महसूस किया है । यह समय मेरी पूरी ट्रेनिंग का सबसे मुश्किल समय था । जब फाइटर प्लेन हवा में होता है उस समय हम अकेले होते हैं, फाइटर पायलट अकेले ही एयरक्राफ्ट को हैंडल करते हैं ।
जेट को सुरक्षित जमीन पर लाना होता है। 1 इंच की भी मिस्टेक नहीं हो सकती थी वरना पूरा करियर खत्म। हमारी ट्रेनिंग में हमें कुछ मैनुअल बताए जाते हैं कब एयरक्राफ्ट का फ्यूल चेक करना है, कैसे हाइट मेंटेन रखनी है। आसपास के एयरक्राफ्ट को देखना और लैंडिंग करना होता है। जब मैं एयरक्राफ्ट को लेकर जमीन पर आया तब लगा कुछ बड़ा किया है। वह अनुभव बेहद अनूठा होता है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद मशहूर हुए भारतीय वायु सेना के पायलट तत्कालीन विंग कमांडर अभिनंदन (अब ग्रुप कैप्टर अभिनंदन) वीर चक्र, के साथ भी विंग कमांडर साहू काम कर चुके हैं। उन्होंने अभिनंदन को याद करते हुए कहा कि वो बेहद बेहतरीन इंसान, एक बढ़िया ऑफिसर और पायलट हैं। हमनें राजस्थान के बीकानेर में एयरफोर्स के स्टैबिलश्मेंट्स में साथ में काम किया है।
विंग कमांडर वीके साहू ने दैनिक भास्कर को बताया कि भारतीय वायु सेना के कई नए फाइटर जेट्स को वो उड़ा चुके हैं। शुरुआत उन्होंने एचपीटी 32, किरण मार्क वन, मिग 21 से की थी। इसके बाद जगुआर को 1000 घंटों से ऊपर उड़ाया। उन्हें 1600 घंटों की उड़ान का अनुभव है। साहू ने बताया आने वाले समय में जगुआर फाइटर प्लेन ही जंग में भारतीय वायु सेना की ताकत दुश्मन को दिखाएंगे। साहू ने हॉक भी उड़ाया है। नए पायलेट्स को भी उन्होंने जेट्स की बारीकियों के बारे में जानकारी दी है।
स्कूल से शुरू की तैयारी
विंग कमांडर साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ रायपुर में ही उनकी स्कूली पढ़ाई हुई। नवोदय विद्यालय में सिलेक्शन के बाद से ही उन्होंने तय कर लिया था कि देश की बेस्ट सर्विस में जाएंगे। बड़े हुए तो डिफेंस में जाने की सोची। टीचर्स ने पूरा सपोर्ट किया।
मुझे लगता था इंग्लिश में ही बात होगी
वायु सेना को लेकर बच्चे अक्सर अंग्रेजी में बात करने की बाध्यता के बारे में सोचते हैं। विंग कमांडर वीके साहू ने बताया कि जब मैं एयरफोर्स इंटरव्यू के लिए जा रहा था तब मुझे भी लगा था कि बातचीत इंग्लिश में होगी, मगर जब मैं वहां पहुंचा तो बोर्ड पर लिखा मिला आप हिंदी में उत्तर दे सकते हैं। यह देख कर मुझे बहुत खुशी हुई, तो आपके टैलेंट या मेहनत को कभी कोई भाषा रोक नहीं सकती।
आज तक हार्डवर्क से कोई मरा नहीं
एक सामान्य एयर विंग एनसीसी कैडेट के बाद एयर फोर्स जॉइन करना, फाइटर पायलट बनना ये सब कुछ हार्डवर्क से हो पाया। विंग कमांडर साहू ने कहा कि यूथ को एक बात समझनी चाहिए कि आज तक हार्ड वर्क यानी कि कड़े परिश्रम करने से किसी की मौत नहीं हुई, बल्कि लोग सफल ही हुए हैं । बस इसी बात को समझ कर कड़े परिश्रम में जुटना चाहिए कामयाबी जरूर मिलती है। जमीन क्या हमें आसमान छूने का अवसर मिलता है।
एयफोर्स में करियर बनाने गाइडेंस देगी टीम
इंस्ट्रक्टर कारपोरल शिवेश जायसवाल और जूनियर वारंट ऑफिसर एसएन पॉल ने बताया कि प्रदेश के युवाओं को एयरफोर्स के एग्जाम से लेकर भर्ती प्रक्रिया की तमाम जानकारियां एनसीसी के जरिए दी जाएंगी। एयर NCC के मेंटर्स की टीम बच्चों को परेड करने से लेकर हवाई जहाज उड़ाने तक के अनुभव देगी। जल्द ही रायपुर में एयरफोर्स की एयर एक्टिविटीज शुरू होंगी।